MNS Chief Raj Thackeray : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा पवित्र गंगास्नान का अनादर !

पुणे – ‘‘गंगा नदी स्वच्छ होनेवाली है, यह घोषणा मैं राजीव गांधी के कार्यकाल से सुनता आ रहा हूं । हमारे दल के नेता बाळा नांदगावकर मेरे लिए कुंभपर्व से गंगाजल लेकर आए थे । मैंने उनसे कहा, ‘‘मैं वह पानी नहीं पिऊंगा ।’’ उस नदी में न जाने कितने लोग स्नान कर रहे थे, तो ऐसा पानी कैसे पीया जाए ? देश की एक भी नदी स्वच्छ नहीं है, यह स्थिति है तथा हम नदी को माता मानते हैं । आप विश्वास एवं अंधविश्वास के मध्य का अंतर जान लीजिए ।’’ मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने यह वक्तव्य दिया । मनसे की १९ वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित सम्मेलन में वे ऐसा बोल रहे थे । गंगा नदी का अनादर करने को लेकर सभी स्तरों पर राज ठाकरे की आलोचना की जा रही है ।

गंगाजी की परीक्षा न लें ! – आचार्य महामंडलेश्वर श्री महंत सुधीरदास महाराज, नासिक

आचार्य महामंडलेश्वर श्री महंत सुधीरदास महाराज,

तीर्थाें की अथवा गंगाजी की परीक्षा नहीं करनी चाहिए । गंगा नदी के विषय में इस प्रकार अनादरपूर्ण टिप्पणी कर स्वयं को आधुनिकतावादी दिखाना अनुचित है ।

गंगास्नान करना अंधविश्वास नहीं है ! – गिरीश महाजन, मंत्री, महाराष्ट्र

गिरीश महाजन

कुंपर्व में गंगास्नान करना अंधविश्वास नहीं, अपितु आस्था ही है । यह अनेक वर्षाें से चली आ रही है, जिसे धार्मिक अधिष्ठान प्राप्त है ।

राज ठाकरे के द्वारा श्रद्धालुओं की श्रद्धा का अनादर ! – प्रवीण दरेकर, विधायक, भाजपा

प्रवीण दरेकर

राज ठाकरे का यह वक्तव्य श्रद्धालुओं का अनादर करनेवाला है । हिन्दू धर्मी देवताओं के प्रति आस्था रखनेवाला है; हम पत्थर को भी देवता मानते हैं; अतः अन्यों की आस्था का अनादर न करें ।

प्रत्येक व्यक्ति की आस्था का सम्मान किया जाना चाहिए !- विधायक राम कदम, भाजपा

विधायक राम कदम

आरोप लगाने से पूर्व राज ठाकरे विचार करें । स्वयं घर में बैठकर ऐसा बोलना अनुचित है । प्रत्येक व्यक्ति की आस्था का सम्मान किया जाना चाहिए ।

संपादकीय भूमिका 

हिन्दू धर्म में गंगास्नान का अनन्यसाधारण महत्त्व है । ऐसा होते हुए भी राज ठाकरे के इस वक्तव्य ने करोडों हिन्दू धर्मियों की भावनाएं आहत हुई हैं !