रवींद्र प्रभुदेसाई को ‘तिलक महाराष्ट्र अभिमत विद्यापीठ’ द्वारा डी. लिट की उपाधि प्रदान की गई !

पुणे, ८ मार्च (वार्ता) – यदि उद्योग और शिक्षा साथ-साथ काम करें तो हम आगे बढ़ सकते हैं । विज्ञापन उद्योग को बढ़ावा देता है । बुद्धि और संवेदनशीलता जितनी महत्वपूर्ण हैं, आध्यात्मिक पहलू भी उतना ही महत्वपूर्ण है । सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी से इस विषय पर मुझे मार्गदर्शन मिला । उनके मार्गदर्शन में व्यक्ति की बुद्धि शुद्ध और अधिक रचनात्मक बनती है, जिससे उसे समाज के लिए कार्य करने हेतु विभिन्न विचारों के साथ आने और उन्हें फलित करने की शक्ति मिलती है । यह उनकी कृपा ही थी कि मैंने रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जैसे कई स्थानों पर उद्यमियों का मार्गदर्शन किया । मैं गुरुदेव के चरणों में अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं । मैं वचन देता हूं कि मुझे मिले इस सम्मान का उपयोग मैं समाज के कल्याण के लिए करूंगा, ऐसा पीतांबरी उद्योग समूह के प्रबंध निदेशक श्री.रवींद्र प्रभुदेसाई ने कहा ।

तिलक महाराष्ट्र अभिमत विद्यापीठ, पुणे की ओर से श्री. रवींद्र प्रभुदेसाई को ‘विद्यानिधि’ (डी. लिट्) की उपाधि से सम्मानित किया गया । वे इस समय बात कर रहे थे ।


‘तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ’ के ४२ वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति डॉ. दीपक तिलक द्वारा यह सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों को दिए गए सम्मान-पत्र पढ़े गए ।


इस अवसर पर प्रसिद्ध मनोचिकित्सक एवं अभिनेता डॉ. मोहन आगाशे के साथ-साथ ‘काइनेटिक ग्रीन एनर्जी एंड पावर सॉल्यूशंस लिमिटेड’ की कार्यकारी निदेशक सुलज्जा फिरोदिया-मोटवानी को भी डी. लिट की उपाधि से सम्मानित किया गया ।

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. मोहन अगाशे ने कहा, “केवल बुद्धि और शैक्षणिक गुणवत्ता ही महत्वपूर्ण नहीं है, अपितु मानसिक संतुलन और संवेदनशीलता भी महत्वपूर्ण है ।” उन्होंने तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कौशल विकास पाठ्यक्रमों पर प्रसन्नता व्यक्त की ।
सुलज्जा फिरोदिया-मोटवानी ने कहा, “हम देशभक्ति और आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों के आधार पर कारोबार करते हुए ‘इलेक्ट्रिक मोबिलिटी’ को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं ।” उन्होंने कहा, “हमारा संकल्प पर्यावरण अनुकूल, हरित और किफायती वाहन उपलब्ध कराना है ।”
कार्यक्रम के आरंभ में विश्वविद्यालय की डीन सविता साठे पवित्र ध्वज को कार्यक्रम स्थल पर लेकर आईं । इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में पी.एच.डी. और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान समारोह कुलपति डॉ. दीपक तिलक द्वारा किया गया । कार्यक्रम का समापन संत ज्ञानेश्वर विरचित पसायदान के साथ हुआ ।
श्री.रवींद्र प्रभुदेसाई द्वारा गढ़ा गया ‘डॉक्टर’ शब्द का अर्थ !डी- डिफ्रेन्स – अंतर ओ – ऑब्जेक्टिव – उद्देश्य सी – कलेक्टिव- सामूहिक टी – टाइम मैनेजमेंट – समय प्रबंधन ओ – ऑर्डर – क्रम आर – रिजल्ट – परिणाम – श्री. रवींद्र प्रभुदेसाई |