Corona Vaccine : कोरोना के टीके के कारण युवकों के अचानक मृत्यु की संभावना नहीं !
भारतीय चिकित्सकीय शोध परिषद का अध्ययन
भारतीय चिकित्सकीय शोध परिषद का अध्ययन
पश्चिमी लोग चाहे कितना भी अधिक शोध कर लें, अभी भी उन्हें पूर्णता के बिंदु तक पहुंचने में अभी भी समय लगेगा; किंतु ऋषि-मुनियों लाखों वर्ष पूर्व ही इस पर गहन शोध करके संपूर्ण मानव जाति के लिए निर्धारित किया था तथा भारत में पीढियों से वह चलता आ रहा है, इसका उचित सम्मान होना चाहिए !
’जंक फूड’ स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, यह विश्वप्रसिद्ध होते हुए भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता, यह लज्जाजनक है !
चूहों पर किया गया प्रयोग सफल, अब बनारस विश्वविद्यालय के अस्पताल के रोगियों पर होगा प्रयोग
‘रोग अथवा विकार से बचने के लिए दैनिक जीवन का आहार-विहार (क्रिया) इत्यादि कैसा हो’, यह प्रत्येक मानव को ज्ञात होना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । इसीके साथ विकार होने पर ‘खाने-पीने से सबंधित पथ्य-अपथ्य’ अर्थात ‘क्या खाएं और क्या न खाएं ?’ यह भी ज्ञात होना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है ।
सवेरे ११ बजे के उपरांत अल्पाहार अथवा सीधा दोपहर का भोजन करें । तब तक यदि भूख लग भी जाए, तो केवल पानी पीएं । चाय न पीएं ।
भूख न लगना, पेट साफ न होना जैसी शिकायतों पर ‘सनातन आमलकी (आमला) चूर्ण का अभिनव प्रयोग
व्यायाम से शरीर की कान्ति सुधरती है । आलस्य दूर होता है । भूख-प्यास सहने की क्षमता बढती है । मोटापा घटाने के लिए व्यायाम जैसी दूसरी औषधि नहीं । नियमित व्यायाम करनेवाले को शत्रु का भय नहीं होता ।
पटाखे न जलाएं, ऐसा आदेश देते समय उन्हें बनाने, बिक्री और स्टॉक न जमा किया जाए, ऐसा आदेश भी अब देना आवश्यक हुआ है !
अच्छी बातों के लिए नहीं, अपितु बुरी बातों के लिए ही भारत की राजधानी सबसे आगे, यह लज्जाजनक है ! इसके लिए सर्वपक्षीय शासनकर्ता, प्रशासन और जनता उत्तरदायी है !