पैकेट बंद अन्न, अन्न है ही नहीं …!

जिसका विज्ञापन करना पडे, वह अन्न है ही नहीं । क्या रोटी, चावल, दाल, देसी घी, भाजी-तरकारी आदि का विज्ञापन करना पडता है ? प्रकृति से प्राप्त व सहस्रों वर्षाें से मनुष्य जो ग्रहण करते हैं, वही है खरा अन्न

केंद्र सरकार द्वारा ३ प्रकार के ऑनलाईन खेल पर प्रतिबंध 

भारत में सट्टा पर आधारित, खेलनेवाले को हानिकारक एवं व्यसनाधीन बनानेवाले ३ प्रकार के ऑनलाईन खेल को अनुमति नहीं दी जाएगी ।

स्वीडन में आगामी ८ जून से आयोजित की जाएगी प्रथम शारीरिक संबंधों की प्रतियोगिता !

पाश्‍चात्त्य देशों में नैतिकता का अधःपतन बहुत पहले ही हो चुका है । इसलिए अब ध्यान में आता है कि उसने सीमा पार कर ली है !

अश्वगंधा औषधि वनस्पति द्वारा कोरोनावायरस नष्ट होता है !

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का सफल परीक्षण ! अश्वगंधा के मॉलिक्यूल के कारण ८७% से अधिक कोरोना विषाणु नष्ट करने में सहायता होना, ऐसा संशोधन से ध्यान में आया ।

हिन्दू रोगियों की श्रद्धा समझ पाने हेतु अमेरिका में डॉक्टरों को करना पडेगा ‘क्रैश कोर्स’ !

अमेरिका के इतिहास में पहली बार ही हिन्दू रोगी चिकित्सालय के पलंग पर प्रार्थना कर पाएंगे । अपने इष्ट देवता की मूर्ति रख पाएंगे । अमेरिका में पहली बार ही ऐसी अनुमति दी गई है ।

छोटी आयु से स्मार्टफोन का प्रयोग करने से मानसिक रोगों का प्रमाण अधिक ! – शोध

यद्यपि इस शोध में भारत से केवल ४ सहस्त्र बच्चे सम्मिलित हैं, तब भी यह प्रमाण चिंता का विषय है । भारत में १० से १४ आयु के पूरे ८३ प्रतिशत बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन है । अंतरराष्ट्रीय प्रमाण की अपेक्षा यह संख्या ७६ प्रतिशत से अधिक है ।

निरंतर पंखे की हवा से होनेवाले कष्ट की संभावना

रात में सोते समय ६ से ८ घंटे पंखे की जोरदार हवा शरीर पर आती है । इससे शरीर में रुक्षता (सूखापन) निर्माण होती है । परिणामस्वरूप अनेक लोगों को खांसी शुरू हो जाती है ।

गर्मियों में सावधानी बरतें और विविध विकारों से दूर रहें !

‘वर्तमान में गर्मियां आरंभ हो गई हैं । इस काल में शरीर का तापमान बढना, पसीना आना, शक्ति क्षीण होना आदि कष्ट होते हैं । तापमान बढने से व्यक्ति के बेसुध (उष्माघात होकर) मृत्यु को प्राप्त होने के भी कुछ उदाहरण हैं । गर्मियों में होनेवाले विविध विकारों से दूर रहने के लिए सभी को आगे बताई सावधानी रखना आवश्यक है ।

उष्णता के विकारों पर सनातन की आयुर्वेदीय औषधियां

‘उष्णता के विकारों पर (उदा. शरीर पर घमोरियां होना, फुंसी होना, लघुशंका के समय जलन होना) दिन में ३ बार आधी चाय की चम्मच सनातन अडूसा चूर्ण एवं आधी चाय की चम्मच सनातन उशीर (खस) चूर्ण एकत्र कर आधी कटोरी पानी में मिलाकर पीएं । ऐसा लगभग १ से २ सप्ताह करें ।’

आयुर्वेद की औषधियां एवं उनकी समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट)

आयुर्वेद के चूर्ण, गोलियां, दंतमंजन, केश तेल इत्यादि औषधियों पर निश्चित समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट) लिखी होती है । इस दिनांक के उपरांत औषधि लेने पर, उसका कुछ दुष्परिणाम होता है क्या ?