‘सनातन हिन्दू संकल्प पत्र’ का प्रस्ताव प्रसिद्ध !
वर्ष २०२९ की राजनीति’ विषय पर बोलते हुए युवा पत्रकार अनुपम सिंह, तुहीन सिन्हा, ओंकार चौधरी, शांतनु गुप्ता और हर्षवर्द्धन त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष २०२९ की राजनीति २०१४ से अच्छी होगी ।
वर्ष २०२९ की राजनीति’ विषय पर बोलते हुए युवा पत्रकार अनुपम सिंह, तुहीन सिन्हा, ओंकार चौधरी, शांतनु गुप्ता और हर्षवर्द्धन त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष २०२९ की राजनीति २०१४ से अच्छी होगी ।
गुजरात उच्च न्यायालय ने पिछले महीने सोमनाथ मंदिर के पास प्रभास पाटन गांव में कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया था। इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई ।
जयशंकर ने आगे कहा कि मणिपुर की समस्या पुरानी और जटिल हैं । इसपर राजनीति कर भारत की छवि विश्व के सामने मलिन करना अनुचित है ।
मुसलमानों में हिन्दू मंदिर के परिसर में आकर प्रार्थना करने का साहस है, क्या हिन्दुओं में मस्जिद में जप करने का साहस हो सकता है ? मुसलमान सुरक्षित हैं क्योंकि हिन्दू सहिष्णु हैं, जबकि कट्टरपंथी हिंसक हैं, इसलिए हिन्दू भयभीत होते हैं !
बांग्लादेश के हिन्दुओं को बोध हुआ है कि स्वरक्षा के लिए, स्वयं को संगठित करना आवश्यक है ।
यद्यपि मुसलमान सरकारी कर्मचारी अथवा अधिकारी हों, तब भी वे पहले मुसलमान होते हैं । उनकी निष्ठा राष्ट्र तथा जनता के प्रति नहीं, अपितु स्वबंधुओं के प्रति ही होती है, यह बतानेवाला उदाहरण !
पश्चिमी देशों में खालिस्तान एवं इस्लाम पर चर्चा होती है। समाज का अधिकांश भाग इससे अनभिज्ञ है; लेकिन हमें अपने शत्रु को अवश्य जानना चाहिए। भारत को वैश्विक स्तर पर पीछे धकेलने का षड्यंत्र रचा गया है । ये विचार तीन दिवसीय ‘द जयपुर डायलॉग्स’ के 9वें वार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन देश-विदेश से आये बुद्धिजीवियों, राष्ट्रवादियों एवं प्रख्यात वक्ताओं ने व्यक्त किये।
भारतीय उत्तराधिकार कानून, १९२५ यह एक सर्वसमावेशक (विस्तृत) कानून है, जो भारत के उत्तराधिकार एवं धरोहर कानूनों से संबंधित है ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाळे ने यहां वक्तव्य देते हुए कहा, ‘यदि समाज, जाति एवं भाषाओं में भेद किया, तो हमारा (हिन्दुओं का) नाश होगा । इसलिए संगठित होना आवश्यक है । हिन्दू समाज की एकता जन-कल्याण के लिए है । वह सभी को आनंद देगी । हिन्दुओं को बांटने हेतु शक्ति कार्यरत है । उनको चेतावनी देना महत्त्वपूर्ण है ।’
सप्तर्षि की आज्ञा से यहां के सनातन के आश्रम में दशहरे के दिन अर्थात १२ अक्टूबर को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का स्वास्थ्य अच्छा रहे तथा उन्हें दीर्घायु प्राप्त हो; इसके लिए महामृत्युंजय यज्ञ किया गया ।