बांग्लादेश सरकार से की गईं ८ मांगें
चटगांव (बांग्लादेश) – अल्पसंख्यकों सुरक्षा तथा अधिकारों की मांग को लेकर ‘सनातन जागरण मंच’ संगठन ने २६ अक्टूबर को यहां एक विशाल रैली निकाली । यहां के ऐतिहासिक लालदिघी मैदान में एक सभा भी हुई । अल्पसंख्यक हिन्दुओं ने ८ प्रमुख मांगों के लिए आवाज उठाई । हिन्दुओं ने दावा किया कि ‘जब तक बांग्लादेश सरकार ये मांगें पूरी नहीं करेगी, आंदोलन जारी रहेगा.’
हिन्दुओं द्वारा की गई मांगें –१. अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अपराधों में सम्मिलित लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए एक न्यायाधिकरण का गठन किया जाना चाहिए । २. पीड़ितों को हानि भरपाई तथा पुनर्वास दिया जाना चाहिए । ३. अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम लागू किया जाए । ४. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की स्थापना की जाए । ५. शैक्षणिक संस्थानों एवं छात्रावासों में अल्पसंख्यकों के लिए प्रार्थना स्थल एवं प्रार्थना कक्ष का निर्माण कराया जाए । ६. हिन्दू, बौद्ध तथा ईसाई कल्याण ट्रस्टों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए । ७. संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम लागू किया जाए । ८. पाली और संस्कृत शिक्षा बोर्ड का आधुनिकीकरण एवं श्री दुर्गा पूजा के काल में ५ दिन की छुट्टी दी जाए । |
दुर्गा पूजा के लिए २ दिन की छुट्टी !
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में पर्यावरण मंत्री सैयद रिजवाना हसन ने हिन्दू समुदाय की मांगों के उत्तर में पहली बार श्री दुर्गा पूजा के लिए २ दिन की छुट्टी की घोषणा की । ५ अगस्त को शेख हसीना के पद से हटने के उपरांत बांग्लादेश में हिन्दुओं का यह सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है । हालांकि अंतरिम सरकार ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का आश्वासन दिया है, लेकिन इस अवधि के दौरान लूटपाट, शारीरिक हानि तथा अल्पसंख्यकों की संपत्ति की तोडफोड करने की घटनाएं भी बढ़ी हैं ।
संपादकीय भूमिकाबांग्लादेश के हिन्दुओं को बोध हुआ है कि स्वरक्षा के लिए, स्वयं को संगठित करना आवश्यक है । उन्हें ध्यान में आया है कि उनकी सुरक्षा के लिए भारत अथवा अन्य देशों से कोई भी उनकी सहायता नहीं करेगा । जगभर के हिन्दुओं को बांग्लादेश के हिन्दुओं से सीखना आवश्यक हो गया है ! |