त्रिशूर (केरल) के श्रीकृष्ण मंदिर में धार्मिक विधियों के लिए यांत्रिक (मशीनी) हाथियों का प्रयोग किया जाएगा !

त्रिशूर के इरिंजादापल्ली श्रीकृष्ण मंदिर में अब धार्मिक विधि करने के लिए सच्चे हाथियों की अपेक्षा यांत्रिक हाथियों का प्रयोग किया जाएगा । इन हाथियों की ऊंचाई साढे दस फूट होगी एवं उनका कुल वजन ८०० किलो है । इस हाथी पर ४ लोग बैठ सकेंगे । इस हाथी की सूंढ, सिर, आंखें एवं कान सभी बिजली पर चलेंगे ।

राजनीति में सक्रिय लोग मंदिरों के न्यासी नहीं हो सकते !

वैसे तो देवता के भक्तों को ही मंदिर का न्यासी होने का अधिकार दिया जाना चाहिए । अब हिन्दुओं को सरकार और न्यायालय के समक्ष यह मांग मजबूती से करना आवश्यक !

सरकार का विरोध करते हुए देश से द्वेष मत करो ! – सुन्नी स्टूडेंट्स फेडरेशन

देश में सरकार का विरोध करना सही है; परंतु इससे देश के विरुद्ध द्वेष नहीं होना चाहिए, ऑल केरल जमी-इय्याथुल उलेमा के ‘एपी कंथापुरम अबुबकर मुस्लियार’ समूह के छात्र गट की राज्य बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया है ।

इस्लामिक देशों के मुसलमानों की तुलना में भारत में मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता अधिक है! – मुस्लिम बुद्धिजीवी पोनमाला अब्दुल खादेर मुस्लियार !

ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है और गत ७५ वर्षों में सर्वदलीय शासकों ने बहुसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार किया है और मुसलमानों को सिर पर बिठाया है। भारत में हिन्दुओं की स्थिति इस्लामिक देशों में अल्पसंख्यक हिन्दुओं जैसी है !

केरल में पी.एफ.आई. के २४८ कार्यकर्ताओं की संपत्ति जप्त !

केरल उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार की कार्यवाही
बंद के समय की गई थी सरकारी संपत्ति की हानि

केरल की इस्लामी शिक्षा संस्थाओं में पढाए जाएंगे हिन्दू धर्मग्रंथ !

जिले के ‘मलिक दीनार इस्लामिक काम्प्लेक्स’ में विगत ७ वर्षों से संस्कृत के श्‍लोक पढाए जाते थे । अब यहां कुछ हिन्दू ग्रंथों को भी समाहित किया गया है, उनमें श्रीमद् भगवद्गीता भी है ।

‘इस्रो’ के वैज्ञानिक नंबी नारायणन पर गुप्तचरी करने के आरोप झूठे हैं !

केंद्र सरकार को, नंबी नारायणन को मिथ्या आरोपों में फंसाने वालों को ढूंढ़ने का प्रयत्न करना चाहिए और उनके विरुद्ध देशद्रोह का प्रकरण प्रविष्ट कर उन्हें मृत्यु दंड दिलाने का प्रयत्न करना चाहिए !

‘भाजपा बाबरी के उपरांत ज्ञानवापी और ईदगाह मस्जिद को लक्ष्य कर रही है !’

साम्यवादियों ने भारत के इतिहास को नकारा है और जहां संभव होता है उस व्यासपीठ से हिन्दू विरोधी और अल्पसंख्यकों की चमचागिरी करने का प्रयास किया । इसी कारण इस प्रकार के वक्तव्य करना, यह साम्यवादियों का वैचारिक आतंकवाद है !

कोच्चि (केरल) में हुए ‘कार्निवाल’ में प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे जैसी मूर्ति बनाई गई !

कम्युनिस्टों के राज्य में ऐसा हो तो आश्चर्य क्या ? प्रधानमंत्री के चेहरे की मूर्ति बनाना मोदी द्वेषमूलक !