‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को केरल उच्च न्यायालय ने किया अस्वीकार !

थिरूवनंतपुरम (केरल ) – केरल उच्च न्यायालय ने ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनेवाली याचिका को अस्वीकार किया है । ५ मई को हुई सुनवाई में न्यायालय ने यह निर्णय दिया । इसी दिन यह फिल्म पूरे देश में प्रदर्शित की गई । इसके पहले भी सर्वाेच्च न्यायालय ने इस फिल्म से संबंधित प्रविष्ट याचिका पर तत्काल सुनवाई करने को नकार दिया है ।

उच्च न्यायालय ने कहा है कि केरल का धर्मनिरपेक्ष समाज इस फिल्म का स्वीकार करेगा । याचिकाकर्ताओं को न्यायालय ने प्रश्न पूछा कि, आप फिल्म देखे बिना ही उसपर प्रतिबंध लगाने की मांग कैसे कर सकते हो ? न्यायालय ने अपने निरीक्षण में कहा कि, ‘इस फिल्म का ट्रेलर (फिल्म का विज्ञापन) देखकर इसमें कुछ अनुचित नहीं दिखाई दिया है ।’

मद्रास उच्च न्यायालय ने भी किया याचिका को अस्वीकार !

‘द केरल स्टोरी’ फिल्मपर प्रतिबंध लगाने की मांग करनेवाली याचिका मद्रास उच्च न्यायालय में भी प्रविष्ट की गई थी । इसमें दावा किया था कि, ‘फिल्म के प्रदर्शित होनेपर देश में धार्मिक एकता एवं सार्वजनिक शांतता बिगड जाएगी ।’

न्यायालय ने सुनवाई के समय कहा कि आप अंतिम क्षण में क्यों आए हो ? पहले आते तो किसी को फिल्म देखने को कहकर कुछ बता पाना संभव होता । आप फिल्म देखे बिना ही आए हो ।

हिन्दू सन्यासियों को बलात्कारी के रूप में दिखाने वाले असंख्य चलचित्र होने पर भी कोई निषेध नहीं करता ! – न्यायालय की टिप्पणी

न्यायालय ने इस समय कहा कि,

१. इस चलचित्र में इस्लाम के विरोध में क्या है , धर्म के विरोध में कोई भी आरोप नहीं । आरोप इस्लामिक स्टेट के विरोध में है ।

२. ऐसे असंख्य चलचित्र हैं जिसमें हिन्दू सन्यासियों को तस्कर अथवा बलात्कारी के रूप में चित्रित किया गया है; परंतु इसका कोई भी प्रतिकूल परिणाम नहीं हुआ । कोई भी निषेध नहीं करता । ऐसे अनेक हिंदी और मलयालम चलचित्र हैं ।

. हमें सत्य में जाने की आवश्यकता नहीं । केवल कुछ धार्मिक प्रमुखों को गलत ढंग से दिखाने के कारण चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने का कारण नहीं ।

४. मार्गदर्शक तत्वों के अनुसार केंद्रीय परिनिरीक्षण मंडल ने चलचित्र का विचार किया है और उसका परीक्षण किया है । निर्माताओं ने चलचित्र प्रारंभ होने से पूर्व उसमें स्पष्ट किया है, ‘यह चलचित्र काल्पनिक और नाट्यमय है ।’ हम चलचित्र का प्रदर्शन रोकने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने के इच्छुक नहीं ।