धर्मनिर्पेक्षतावादियों के विरोध करने के कारण  ‘एयरो इंडिया २०२३ ‘ के विमान से श्री हनुमान का चित्र हटाया गया !

जब कोई सरकारी प्रतिष्ठान पर हिन्दू देवताओं के प्रति आदर भाव से कार्य करता है, तभी दिखावटी धर्मनिरपेक्षता’ का स्मरण करने वालों को,  उस समय धर्मनिरपेक्षता का स्मरण नहीं होता जब सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया जाता है तथा मस्जिदें बनवाई जाती हैं ?

हिन्दुत्वनिष्ठ प्रवीण नेट्टारू हत्या के आरोपी शाफी बेल्लारे को जिहादी एस.डी.पी.आइ. द्वारा टिकट !

इससे स्पष्ट दिखाई देता है कि जिहादी संगठन के राजनीतिक दल संविधान द्वारा दिए अधिकार का किस प्रकार दुरुपयोग करने का प्रयास कऱते हैं ! अब इस दल पर भी प्रतिबंध लगाना आवश्यक !

बेंगलुरु में ‘अलकायदा’ का आतंकवादी पकड़ा गया

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन्.आय.ए.) ने यहां से ‘अलकायदा’ के आतंकवादी आरिफ को बंदी बनाया है । वह इंटरनेट के माध्यम से विगत २ वर्षों से अलकायदा के आतंकवादियों के संपर्क में था । यह बेंगलुरु में ही सॉफ्टवेअर अभियंता के रूप में कार्यरत था ।

 (और इनकी सुनिए…), ‘मैं हिन्दूविरोधी नहीं, मनुवादविरोधी हूं !’ – कांग्रेस नेता सिद्धरामय्या

क्या कभी सिद्धारामैय्या ने मनुस्मृति का अध्ययन किया है ? अध्ययन किया होता, तो ऐसी बातें न करते ! केवल दलितों के मत पाने के लिए हिन्दुओं के महान ग्रंथ पर ऐसी अभद्र टिप्पणी करना, हिन्दूविरोध ही है !

बेंगलुरू नगर में सिंगासंद्र के समीप निर्माण की गई अवैध मस्जिद हटाएं !

हिन्दू संगठनों द्वारा महापालिका से मांग

(कहते हैं) ‘हिन्दुत्व में हत्या, हिंसा एवं भेदभाव को दिया जाता है समर्थन !’ – सिद्धरामय्या

कर्नाटक के कांग्रेस के नेता सिद्धरामय्या का हिन्दुद्वेष !

बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठिया जो अपनी पत्नी की हत्या कर भाग रहा था !

पिछले ९ वर्षों से कोई घुसपैठिया भारत में आ रहा है और वहां रह रहा है, काम कर रहा है, विवाह कर रहा है, परंतु भारतीय सुरक्षा व्यवस्था को इसकी जानकारी नहीं मिल रही है, यह शर्म की बात है ! इससे स्पष्ट है कि देश में लाखों नासिर रह रहे होंगे !

जब लोग व्यवस्था अथवा उसके ठेकेदारों से भयभीत होते हैं, तब वहां उत्पीडन आरंभ होता है ! – कर्नाटक उच्च न्यायालय

जब व्यवस्था अथवा उसके ठेकेदार लोगों से भयभीत होते हैं, इसका अर्थ वहां स्वतंत्रता होती है; परंतु जब लोग व्यवस्था तथा उसके ठेकेदारों से भयभीत होते हैं, तब वहां दमनचक्र (उत्पीडन) आरंभ होता है, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ऐसा वक्तव्य किया ।