सांसद संजय राउत की बंदी को लेकर संसद में विपक्षियोेंं की ओर से हो-हल्ला

विरोधियोेंं ने भाजपा सरकार पर केंद्रीय अन्वेषण तंत्रों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है ।

ज्ञानवापी परिवाद में मुसलमानों के पक्ष में लडनेवाले अधिवक्ता अभयनाथ यादव की मृत्यु

ज्ञानवापी घटना में राखी सिंह की याचिका पर दिवानी न्यायालय में चल रही सुनवाई में अधिवक्ता अभयनाथ यादव मुसलमानों का पक्ष प्रस्तुत कर रहे थे । आयोग का कृति ब्यौरा स्पष्ट होने के पश्चात उन्होंने आपत्ति व्यक्त की थी ।

कानपुर के एक निजी विद्यालय में हिन्दू छात्रों को इस्लामी ´कलमा´ पढ़ाया जा रहा है !

यदि भगवद् गीता का कोई श्लोक कभी किसी विद्यालय में मुसलमान या ईसाई छात्रों को पढ़ाया जाए या सुनाने के लिए कहा जाए, तो क्या वे कभी उसका पठन करेंगे ?

पी.एफ्.आई. के ३ लाख बैंक खातों में इस्लामी देशों से आते हैं प्रति वर्ष ५०० करोड रुपये !

एक इस्लामी संगठन को इतना धन मिलता है, तो अन्य इस्लामी संगठन, मदरसे, मस्जिदों आदि को कितना धन मिलता होगा, यह कल्पना के परे है !

छत्तीसगढ के जगदलपुर वैद्यकीय महाविद्यालय में हजारों चूहों ने किया नाक में दम !

चूहों की समस्या शुरू होते ही उस पर अंकुश रखने के लिए कोई उपाययोजना त्वरित क्यों नहीं की गई ? इसके प्रति असंवेदनशील रहनेवाले उत्तरदायी लोगों से ही इसकी वसूली की जाए !

वरिष्ठ विद्यार्थी कनिष्ठ विद्यार्थियों को उनके कान के नीचे मार रहे थे !

मेडिकल शिक्षा ग्रहण करनेवाले विद्यार्थी भविष्य में डॉ. बन कर जनता को मेडिकल सेवा देनेवाले हैं; परंतु उन पर कौन से संस्कार हुए हैं । इस घटना से यह ध्यान में आता है । शिक्षा केवल पुस्तकीय नहीं, अपितु संस्कारयुक्त होनी चाहिए ।

ईश्वर ने हमें स्वतंत्रता की ७५वीं वर्षगांठ का साक्षी होने का सौभाग्य दिया है ! – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भारत की स्वतंत्रता को ७५ वर्ष पूर्ण होनेवाले हैं । हम सभी इस अद्भुत और ऐतिहासिक क्षण के साक्षी होने जा रहे हैं । भगवान ने हमें बहुत बड़ा भाग्य दिया है । यदि  हम नें दासत्व के समय जन्म लिया होता तो यह दिन हमारे लिए कैसा होता इसकी कल्पना करना भी कठिन है ।

धर्मांध ‘पी.एफ.आई.’ का पिछडे वर्ग को साथ लेकर इस्लामी राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र !

‘पी.एफ.आई. के द्वारा देशविघातक गतिविधियां चलाए जाने के असंख्य प्रमाण सामने आते हुए भी सरकार उस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती ?’, यह प्रश्न राष्ट्रप्रेमियों के मन में है !

हिन्दू होना क्या लज्जाजनक (शर्म की) बात है ?

एक प्रसिद्ध हिन्दू शास्त्रज्ञ को ऐसा प्रश्न करना पड रहा है, इससे धर्मनिरपेक्ष भारत में हिन्दुओं की भयावह स्थिति ध्यान में आती है !

बिहार के १५ सहस्र मुसलमान युवकों को देश में अराजकता निर्माण करने हेतु दिया शस्त्र-अस्त्र का प्रशिक्षण !

पता नहीं ऐसे लोगों से होनेवाले अक्रमण रोकने के लिए सरकार उनपर कार्रवाई कब करेगी ? और उन्हें शिक्षा कब देगी ?