सांसद संजय राउत की बंदी को लेकर संसद में विपक्षियोेंं की ओर से हो-हल्ला
विरोधियोेंं ने भाजपा सरकार पर केंद्रीय अन्वेषण तंत्रों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है ।
विरोधियोेंं ने भाजपा सरकार पर केंद्रीय अन्वेषण तंत्रों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है ।
ज्ञानवापी घटना में राखी सिंह की याचिका पर दिवानी न्यायालय में चल रही सुनवाई में अधिवक्ता अभयनाथ यादव मुसलमानों का पक्ष प्रस्तुत कर रहे थे । आयोग का कृति ब्यौरा स्पष्ट होने के पश्चात उन्होंने आपत्ति व्यक्त की थी ।
यदि भगवद् गीता का कोई श्लोक कभी किसी विद्यालय में मुसलमान या ईसाई छात्रों को पढ़ाया जाए या सुनाने के लिए कहा जाए, तो क्या वे कभी उसका पठन करेंगे ?
एक इस्लामी संगठन को इतना धन मिलता है, तो अन्य इस्लामी संगठन, मदरसे, मस्जिदों आदि को कितना धन मिलता होगा, यह कल्पना के परे है !
चूहों की समस्या शुरू होते ही उस पर अंकुश रखने के लिए कोई उपाययोजना त्वरित क्यों नहीं की गई ? इसके प्रति असंवेदनशील रहनेवाले उत्तरदायी लोगों से ही इसकी वसूली की जाए !
मेडिकल शिक्षा ग्रहण करनेवाले विद्यार्थी भविष्य में डॉ. बन कर जनता को मेडिकल सेवा देनेवाले हैं; परंतु उन पर कौन से संस्कार हुए हैं । इस घटना से यह ध्यान में आता है । शिक्षा केवल पुस्तकीय नहीं, अपितु संस्कारयुक्त होनी चाहिए ।
भारत की स्वतंत्रता को ७५ वर्ष पूर्ण होनेवाले हैं । हम सभी इस अद्भुत और ऐतिहासिक क्षण के साक्षी होने जा रहे हैं । भगवान ने हमें बहुत बड़ा भाग्य दिया है । यदि हम नें दासत्व के समय जन्म लिया होता तो यह दिन हमारे लिए कैसा होता इसकी कल्पना करना भी कठिन है ।
‘पी.एफ.आई. के द्वारा देशविघातक गतिविधियां चलाए जाने के असंख्य प्रमाण सामने आते हुए भी सरकार उस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती ?’, यह प्रश्न राष्ट्रप्रेमियों के मन में है !
एक प्रसिद्ध हिन्दू शास्त्रज्ञ को ऐसा प्रश्न करना पड रहा है, इससे धर्मनिरपेक्ष भारत में हिन्दुओं की भयावह स्थिति ध्यान में आती है !
पता नहीं ऐसे लोगों से होनेवाले अक्रमण रोकने के लिए सरकार उनपर कार्रवाई कब करेगी ? और उन्हें शिक्षा कब देगी ?