(इनकी सुनिए ) ‘लडकियों को हिजाब पहन कर अकेले ही पाठशाला तथा महाविद्यालय न भेजें !’
क्या महिला संगठन, महिला आयोग तथा निधर्मी राजनीतिक पार्टियों को यह स्वीकार है ? यदि नहीं, तो क्या वे इसका विरोध करेंगे ?
क्या महिला संगठन, महिला आयोग तथा निधर्मी राजनीतिक पार्टियों को यह स्वीकार है ? यदि नहीं, तो क्या वे इसका विरोध करेंगे ?
जब-जब धर्मांध मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं पर किए गए आक्रमण दिखाने का प्रयास हुआ, उस समय कांग्रेस ने उसका विरोध किया है तथा अब भी वह वही कर रही है ! इससे कांग्रेस तो दूसरी मुस्लिम लीग है, यही ध्यान में आता है !
ऐसे अधिकारियों को नौकरी से हटाकर आजन्म कारावास में रखने का दंड सरकार द्वारा दिया जाना चाहिए |
कानून हाथ में लेना सही नहीं है; परंतु इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने जिस प्रकार कार्यवाई की, उससे लोग क्रोधित हुए । ‘परिणामस्वरूप पुलिस थाने को जलाया गया होगा’, ऐसा कहा जाए तो क्या गलत है ? पुलिस इससे कुछ सीखेगी वह सुदिन ही होगा !
राज्य में लव जिहाद का कानून होकर भी कट्टर मुसलमान हिन्दू लडकियों का शोषण करने का दुःसाहस करते हैं, यह क्षोभजनक है ! ऐसे लोगों पर नियंत्रण रखने हेतु कानून का प्रभावी प्रयोग कर उन्हें कठोर दंड देना आवश्यक है !
किसी महिला की हत्या कर मृतदेह अन्यत्र फेंक दिया गया होगा, ऐसा संदेह
क्या ऐसी संवेदनहीन पुलिस जनता की सुरक्षा के योग्य है ? बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के राज्य में कानून व्यवस्था के तीन तेरह बहुत पहले ही हो चुके हैं । वहां राष्ट्रपति शासन लगाना ही एक मात्र विकल्प है।
ममता बनर्जी के राज्य में हिन्दू युवती असुरक्षित ! इस विषय में तथाकथित आधुनिकतावादी, धर्मनिरपेक्षतावादी मुंह नहीं खोलेंगे, यह ध्यान मे लें !
पाकिस्तान की सरकार को घर का उपहार ! ध्यान दें कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचारों पर चुप रहने वाले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन अब पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की दुर्दशा पर एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं !