संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकाशित छायाचित्र में हिन्दू महिलाओं के साथ हो रहा है (तथाकथित) भेदभाव !

हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने ट्वीट द्वारा विषय किया स्पष्ट !

कश्मीर के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी के आरोप झूठे ! – भारत की स्पष्टोक्ति

कश्मीर में होनेवाली जी-२० बैठक के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी द्वारा लगाए आरोप भारत ने अस्वीकार कर दिए हैं । संयुक्त राष्ट्र के अल्पसंख्यक व्यवहार प्रतिनिधि फर्नांड डी वर्नेस ने जम्मू-कश्मीर तथा वहां के अल्पसंख्यकों के प्रश्‍नों पर एक निवेदन प्रसारित किया था ।

भविष्य में विश्व में पानी के भयंकर अभाव का भारत पर भी प्रभाव होगा !

संयुक्त राष्ट्र के ब्योरे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई | गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा सिंधु नदियों का जलस्तर घटेगा !

म्यानमार में सेना द्वारा विमान से नागिरकों पर किए आक्रमण में १०० लोगों की मृत्यु

यह घटना ११ अप्रैल को हुई । लगभग २० मिनट यह आक्रमण शुरू था। मारे गए लोगों में छोटे बच्चों और  महिलाओं का भी समावेश है ।

‘तेहरीक-ए-तालिबान’ से पकिस्तान के संबंध !

‘पश्तून सुरक्षा आंदोलन के’ कार्यकर्ता फजल-उर-रहमान द्वारा पाकिस्तान के ‘तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ (टीटीपी) आतंकवादी संगठन से निकट संबंध होने की बात सामने आई है ।

जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में अनाज का उत्पाद प्रभावित होने की संभावना !

विशेषज्ञों के एक ब्योरे में कहा गया है कि यदि तापमान में १ से ४ अंश सेल्सियस तक वृद्धि हुई, तो भारत में चावल के उत्पाद में १० से ३० प्रतिशत का अभाव आ सकता है तथा मकई के उत्पाद में २५ से ७० प्रतिशत का घाटा हो सकता है ।

विश्व के २६ प्रतिशत लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं !

संयुक्त राष्ट्रों द्वारा प्रस्तुत ‘युनाइटेड नेशन वॉटर डेवलपमेंट रिपोर्ट २०२३’ के अनुसार विश्व के २६ प्रतिशत लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है, जबकि ४६ प्रतिशत जनता को स्वच्छता की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है ।

संयुक्त राष्ट्र के सबसे आनंदमय देशों की सूची में भारत का स्थान पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश से भी नीचे है !

क्या कभी यह कहा जा सकता है कि जिन देशों में लोगों को भोजन तक प्राप्त नहीं हो रहा है, वहां के लोग भारतीयों से अधिक आनंदी कैसे हो सकते हैं ?

अच्छा अथवा बुरा आतंकवादी ऐसा भेद करना गलत !

सभी प्रकार के आतंकवादी आक्रमण, फिर वो सिख विरोधी हो, बौद्ध विरोधी हो अथवा हिन्दु विरोधी हो, विरोध करने योग्य है । अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने नई संज्ञा और गलत प्रधानता के विरोध में खडे रहने की आवश्यकता है ।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुन: टर्की ने कश्मीर का राग अलापा !

इसे कहते हैं कि कुत्ते की पूंछ सीधी करने के लिए चाहे कितना भी प्रयास करें, वह टेढी ही रहेगी ! भूकंप की कालावधि में भारत द्वारा टर्की की सहायता करने पर भी वह पाकिस्तान के ही लिए पागल है, यह स्पष्ट होता है !