जिनेवा (स्विटजरलैंड) – यहां चल रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के ५२ वें अधिवेशन में एक बार पुन: पाकिस्तान की अपकीर्ति हुई है । ‘पश्तून सुरक्षा आंदोलन के’ कार्यकर्ता फजल-उर-रहमान द्वारा पाकिस्तान के ‘तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ (टीटीपी) आतंकवादी संगठन से निकट संबंध होने की बात सामने आई है । फजल-उर-रहमान ने कहा, ‘खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान’ (केपीके) में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह बिगड गई है । इसलिए पश्तून वांशिक अल्पसंख्यकों के मूलभूत अधिकार तथा जीवन पर गंभीर परिणाम हुआ है । पाकिस्तान तथा ‘तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ के मध्य अघोषित समझौते के विषय में हम चिंता व्यक्त करते हैं । इस समझौते के अनुसार ‘खैबर पख्तूनख्वा’ में अनुमानत: ‘टीटीपी’ के ४४ सहस्र आतंकवादी तथा उनके परिवारों का पुनर्वसन किया जाएगा ।’ फजल-उर-रहमान ने परिषद में कहा कि ‘पश्तून सुरक्षा आंदोलन’ ने इस समझौते के विरुद्ध पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन कर अपनी भूमि की मांग की ।
फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान, तहरीक-ए-तालिबान संग रिश्तों पर पश्तून एक्टिविस्ट ने UN में खोल दी पोल https://t.co/Pr9jDa6M7X #prabhasakshi
— Prabhasakshi (@prabhasakshi) March 23, 2023
कुछ दिन पूर्व ही प्रसारित एक ब्योरे में दावा किया गया है कि ‘टीटीपी’ ने ३६७ आक्रमण किए हैं, जिनमें खैबर पख्तूनख्वा में ३४८, बलूचिस्तान में १२, पंजाब में ५ तथा सिंध प्रांत में २ आक्रमण हुए हैं । इन आक्रमणों में ४४६ लोगों की मृत्यु, एवं १०१५ लोग घायल हुए थे । फजल-उर-रहमान ने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र ‘इस प्रकरण की जांच कर खैबर पख्तूनख्वा के लोगों को न्याय दे।