‘तेहरीक-ए-तालिबान’ से पकिस्तान के संबंध !

‘पश्तून सुरक्षा आंदोलन के’ कार्यकर्ता फजल-उर-रहमान

जिने‍वा (स्विटजरलैंड) – यहां चल रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के ५२ वें अधिवेशन में एक बार पुन: पाकिस्तान की अपकीर्ति हुई है । ‘पश्तून सुरक्षा आंदोलन के’ कार्यकर्ता फजल-उर-रहमान द्वारा पाकिस्तान के ‘तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ (टीटीपी) आतंकवादी संगठन से निकट संबंध होने की बात सामने आई है । फजल-उर-रहमान ने कहा, ‘खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान’ (केपीके) में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह बिगड गई है । इसलिए पश्तून वांशिक अल्पसंख्यकों के मूलभूत अधिकार तथा जीवन पर गंभीर परिणाम हुआ है । पाकिस्तान तथा ‘तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ के मध्य अघोषित समझौते के विषय में हम चिंता व्यक्त करते हैं । इस समझौते के अनुसार ‘खैबर पख्तूनख्वा’ में अनुमानत: ‘टीटीपी’ के ४४ सहस्र आतंकवादी तथा उनके परिवारों का पुनर्वसन किया जाएगा ।’ फजल-उर-रहमान ने परिषद में कहा कि ‘पश्तून सुरक्षा आंदोलन’ ने इस समझौते के विरुद्ध पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन कर अपनी भूमि की मांग की ।

कुछ दिन पूर्व ही प्रसारित एक ब्योरे में दावा किया गया है कि ‘टीटीपी’ ने ३६७ आक्रमण किए हैं, जिनमें खैबर पख्तूनख्वा में ३४८, बलूचिस्तान में १२, पंजाब में ५ तथा सिंध प्रांत में २ आक्रमण हुए हैं । इन आक्रमणों में ४४६ लोगों की मृत्यु, एवं १०१५ लोग घायल हुए थे । फजल-उर-रहमान ने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र ‘इस प्रकरण की जांच कर खैबर पख्तूनख्वा के लोगों को न्याय दे।