मानसम्मान को बाजू में रखकर धर्म तथा मंदिरों के लिए ‘मंदिर रक्षक’ के रूप में एकत्र आएं ! – लखमराजे भोसले, युवराज, सावंतवाडी संस्थान
माणगांव (सिंधुदुर्ग) में महाराष्ट्र मंदिर ट्रस्ट सम्मेलन में ३७५ से अधिक मंदिर ट्रस्टियों ने भाग लिया !
माणगांव (सिंधुदुर्ग) में महाराष्ट्र मंदिर ट्रस्ट सम्मेलन में ३७५ से अधिक मंदिर ट्रस्टियों ने भाग लिया !
अयोध्या में श्रीराम मंदिर में हुए श्रीराममूर्ति प्राणप्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर सनातन संस्था द्वारा पूरे देश में ‘श्रीराम नामसंकीर्तन’ अभियान किया गया । मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश में यह अभियान संपन्न हुआ ।
इस मेले में सनातन संस्था की ओर से धर्म, अध्यात्म, बालसंस्कार आदि विभिन्न विषयों पर ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई । अनेक इंदौरवासियों ने इसका लाभ लिया ।
देवता की उपासना का शास्त्र समझ में आने पर देवता की उपासना संबंधी श्रद्धा बढती है । श्रद्धा से उपासना भावपूर्ण होती है एवं भावपूर्ण उपासना ही अधिक फलदायी होती है । इसके लिए यह ग्रन्थमाला पढें !
ग्रंथसेवा के अंतर्गत संकलन, अनुवाद, संरचना, मुखपृष्ठ-निर्मिति, ग्रंथों की छपाई से संबंधित सेवाएं आदि विभिन्न सेवाओं में सम्मिलित होने हेतु इच्छुक युवक अपनी जानकारी सनातन के जिलासेवकों के माध्यम से भेजें ।
१५.१.२०२४ से सनातन संस्था के साधक ‘अयोध्या में श्रीराममंदिर के प्राणप्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्विघ्नता से संपन्न हो’, इसलिए प्रार्थना एवं अनुष्ठान कर रहे हैं ।’
श्रीरामजी की गुणविशेषताएं, रामायण की कुछ घटनाओं का भावार्थ ऐसी जानकारी पाने हेतु ई-बुक आज ही डाउनलोड करें ।
अयोध्या के श्रीराम मंदिर का उद्घाटन तथा श्री रामलला प्राणप्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से देश के विभिन्न भागों में ‘श्रीरामनामसंकीर्तन अभियान’ चलाया जा रहा है । उसी के अंतर्गत यहां के श्री सरियादेवी मंदिर के प्रांगण की स्वच्छता की गई ।
कलियुगांतर्गत सतयुग की नवनिर्मिति के सूर्योदय का उगम ! – श्रीचित्शक्ति (सौ.) अंजलि मुकुल गाडगिल
श्रीरामकी विविध गुण-विशेषताएं क्या हैं ?, रामायणके कुछ नामोंका भावार्थ, रामायणके अनेक प्रसंगोंका भावार्थ ये सब पढने के लिए अवश्य पढिये लघुग्रन्थ ‘श्रीराम’