महर्षि एवं ‘गुरुतत्त्व’ द्वारा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा संकलित सनातन के ग्रंथों को ‘वेद’ संबोधित किया जाना
महर्षिजी का परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी संकलित सनातन के ग्रंथों को ‘ॐकार वेद’ संबोधित करना
महर्षिजी का परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी संकलित सनातन के ग्रंथों को ‘ॐकार वेद’ संबोधित करना
‘भगवान के आंतरिक सान्निध्य में रहना’, यह ज्ञान होने के लिए गुरुदेवजी की आवश्यकता होती है ।
वर्ष २०१७ में मैंने एक बार सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी को सुझाया था, आपका स्थान सभी से भिन्न है । वह अलग ही होना और दिखाई भी देना चाहिए । क्या हम सभी आपके नाम के पहले भिन्न उपाधि लगाएं ?’ इस पर सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी ने कहा, ‘‘अभी उसका विचार नहीं करना है ।’’
मुजफ्फरपुर बिहार के साधक सोहम मिश्रा (आयु १६ वर्ष) ने CBSE के १० वीं बोर्ड की परीक्षा में ९५.२ % अंक प्राप्त किये। इसके साथ ही अपने विद्यालय (अंबिका भवानी पब्लिक स्कूल) में दूसरा स्थान भी प्राप्त किया ।
मानसिक दासता का सूत्र हमें हमारे दर्शनशास्त्र से लेकर, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक, ऐसे अनेक स्तरों पर चिंतन करना आवश्यक है । यहां प्रधानता से आध्यात्मिक तथा ऐतिहासिक स्तर का चिंतन देखेंगे ।
धर्मकेंद्रित जीवन पद्धति ही भारतीय परंपरा तथा सनातन धर्मपरंपरा को जीवित रखकर मनुष्य को अपने मनुष्य जीवन के ध्येय को प्राप्त कराती है ।
‘धर्मकेंद्रित जीवन’ के विषय में विचारमंथन करते समय धर्मकेंद्रित तथा अर्थकेंद्रित जीवन में क्या भेद है ?, उसका तुलनात्मक अध्ययन करेंगे ।
वर्ष २०१७ में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के जन्मोत्सव के समय उन्होंने बताया था, ‘आज महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के अंतर्गत संगीत के माध्यम से साधना करने हेतु ‘संगीत से संबंधित कार्य आरंभ किया गया है ।’ उनके इस संकल्प के कारण ही यह कार्य अल्पावधि में बढता गया तथा प्रतिदिन बढता ही जा रहा है ।
निरपेक्ष प्रीति के उच्च बिंदु हैं सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ! उनमें भगवान के सभी गुणों की प्रतीति होती है । अपना कोई भी भिन्न दल न रखकर सहजता के साथ साधकों के स्तर पर आकर उनके साथ रहने के संदर्भ में साधकों द्वारा अनुभव किए हुए कुछ क्षण यहां दे रहे हैं !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की प्रेरणा से ही वर्ष २००२ में ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ की स्थापना हुई । यहां हम उनके द्वारा हिन्दुत्वनिष्ठों का किया गया मार्गदर्शन दे रहे हैं ।