सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ब्रह्मोत्सव में ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ के साधकों ने नृत्यादि सेवाओं द्वारा श्रीविष्णु की भावपूर्ण आराधना की !
रथारूढ महाविष्णु का गायन, वादन एवं नृत्य द्वारा महिमा का गुणगान ही ब्रह्मोत्सव ! श्रीविष्णु रूप में रथ में विराजमान सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के श्रीचरणों में इस ब्रह्मोत्सव के उपलक्ष्य में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के साधकों द्वारा कला के माध्यम से भाव अर्पण किया ।