व्यायाम से मन की भी स्थिरता बढती है ।
व्यायाम से शरीर की कान्ति सुधरती है । आलस्य दूर होता है । भूख-प्यास सहने की क्षमता बढती है । मोटापा घटाने के लिए व्यायाम जैसी दूसरी औषधि नहीं । नियमित व्यायाम करनेवाले को शत्रु का भय नहीं होता ।
व्यायाम से शरीर की कान्ति सुधरती है । आलस्य दूर होता है । भूख-प्यास सहने की क्षमता बढती है । मोटापा घटाने के लिए व्यायाम जैसी दूसरी औषधि नहीं । नियमित व्यायाम करनेवाले को शत्रु का भय नहीं होता ।
यदि किसी भी संघर्ष में सम्मिलित देश संयम नहीं बरतते हैं, तो केवल एक गलती से संपूर्ण विश्व, तृतीय विश्वयुद्ध की आग से झुलसने लगेगा ।
देश को एक ओर जहां बाळशास्त्री जांभेकर, आगरकर, लोकमान्य टिळक, आचार्य प्र.के. अत्रे आदि पत्रकारों की धरोहर प्राप्त है, वहीं दूसरी ओर आज ‘न्यूजक्लिक’ जैसे एक ‘न्यूज पोर्टल’(वेबसाइट) चीनी उद्योगपतियों से लाखों रुपए की दलाली लेकर भारतविरोधी पत्रकारिता करते हैं ।
हिन्दू धर्म में केवल जन्म लेने से कोई हिन्दुत्वनिष्ठ नहीं हो जाता । हिन्दुत्वनिष्ठ होने के लिए व्यक्ति का केवल जन्म से हिन्दू होना ही पर्याप्त नहीं; अपितु वाणी, विचार एवं आचार से भी उसे हिन्दू होना चाहिए ।
बिजली के दीप से युक्त दीप तथा मोम के दीप का उपयोग टालकर तिल के तेल तथा हाथ से बनाई गई रुई की बाती डालकर मिट्टी के दीप प्रज्वलित करना आध्यात्मिक दृष्टि से लाभकारी है ।
विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति की दीर्घ आयु एवं स्वास्थ्य की मंगलकामना कर भगवान रजनीनाथ को (चंद्रमा) अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन करती हैं ।
शरद ऋतु के आश्विन मास की पूर्णिमा तथा यह अमावस्या भी कल्याणकारी है । लक्ष्मीपूजन के दिन प्रातःकाल मंगलस्नान कर देवतापूजन, दोपहर में पार्वणश्राद्ध एवं ब्राह्मण-भोजन और संध्याकाल में (प्रदोषकाल में) फूल-पत्तों से सुशोभित मंडप में लक्ष्मी, श्रीविष्णु एवं कुबेर की पूजा की जाती है ।
दीपावली के समय मौज-मस्ती, विभिन्न व्यंजनों का सेवन इसके साथ ही आजकल बडी मात्रा में पटाखे जलाकर करोडों रुपए उडाए जाते हैं । वास्तव में देखा जाए, तो पटाखे मानव स्वास्थ्य के लिए घातक हैं । इस विषय में विवेचन करनेवाला लेख यहां प्रस्तुत कर रहे हैं ।
लंबवृत्त आकार का कंदील निराकार होने के कारण तमोगुणी शक्तियों के लिए इस प्रकार के कंदील से तमोगुण का प्रक्षेपण करना संभव नहीं होता ।
इतिहास साक्षी है जब-जब भी हमास या फिलिस्तीन के अन्य आतंकवादी संगठनों ने इसराइल पर आक्रमण किया है, फिलीस्तीन को इसकी बहुत बडा मूल्य चुकाना पडा है और लगभग प्रत्येक आक्रमण के पश्चात इसरायल ने अपनी सीमाओं का विस्तार किया है ।