Navaratri : नवरात्रि की सप्तमी तिथि का महत्व
नवरात्रि की सप्तमी तिथि को श्री दुर्गादेवी के असुर, भूत-प्रेत इत्यादि का नाश करनेवाले ‘कालरात्रि’ रूप की पूजा की जाती है।
नवरात्रि की सप्तमी तिथि को श्री दुर्गादेवी के असुर, भूत-प्रेत इत्यादि का नाश करनेवाले ‘कालरात्रि’ रूप की पूजा की जाती है।
श्री दुर्गादेवी नवरात्रि के नौ दिनों में संसार का तमोगुण घटाती हैं और सत्त्वगुण बढाती हैं ।
उपवास करने से व्यक्ति का रजोगुण तथा तमोगुण घटता है तथा देह की सात्त्विकता बढती है । ऐसा सात्त्विक देह वातावरण से शक्तितत्त्व को अधिक ग्रहण करने के लिए सक्षम बनता है ।
आज भी एक ओर विश्व को ईसामय बनाने का षड्यंत्र सर्वत्र जोर-शोर से चल रहा है, तो दूसरी ओर ‘गजवा-ए-हिन्द’ आदि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विश्व को इस्लाममय बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं । इस वैश्विक परिस्थिति में हिन्दू विचारक, अध्येता स्वबोध एवं शत्रुबोध इन संज्ञाओं के प्रचलन के द्वारा हिन्दू समाज में जनजागरण का अभियान चला रहे हैं
दिन-प्रतिदिन बहुसंख्यक हिन्दुओं एवं हिन्दू धर्म की अत्यधिक हानि हो रही है ।’ निम्नांकित लेख में उनके कारण एवं उस पर ध्यान में आए उपायों का विवेचन किया है ।
आज हिन्दू समाज बहुत बडे संकट से गुजर रहा है । इस समय अनेक कालनेमी हमारे आसपास हैं जो घात लगाकर बैठे हुए हैं । इसलिए हमें सतर्क रहने की और उचित कदम उठाने की नितांत आवश्यकता है ।
जीवित माता-पिता की चिंता करना ही चाहिए; किंतु उनके पश्चात उनकी आगे की यात्रा सुखकर हो, इसलिए श्राद्धपक्ष एक विधिवत शास्त्रीय विधान है ।
‘आयर्न डोम’ तंत्र ने ९० प्रतिशत रॉकेटस् को हवा में ही नष्ट किया !
चीनी अर्थव्यवस्था में आई मंदी का परिणाम निश्चित रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड रहा है; परंतु यह स्थिति भारतीय उद्योगों के लिए नए-नए अवसरों के द्वार खोल रही है ।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के कुलदीपक ने सनातन धर्म को विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों की उपमाएं देकर अनादर किया । उनके द्वारा सनातन धर्म के विषय में किया गया वक्तव्य उनकी बुद्धि अस्त होने का दर्शक है । मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं ?, यह मैं इस लेख में कारणों सहित स्पष्ट कर रहा हूं ।