खालिस्तानवादियों पर कठोर कार्यवाही करें !

प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा भारतीय दूतावास और हिन्दुओं के मंदिरों पर होने वाले आक्रमण रोकने के लिए कठोर उपाय योजना बनाने को कहा ।

‘जी-२०’ करोडों भारतीयों की परिषद ! – प्रधानमंत्री मोदी

भारत में ‘जी-२०’ जनता की परिषद बनी है । करोडों भारतीय इस परिषद से जुडे हैं ।, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने परिषद के उद्घाटन के समय अध्यक्ष के रूप में किए भाषण में बताया ।

२२ जनवरी २०२४ को अयोध्या के श्रीराममंदिर का उद्‌घाटन होने की संभावना !

अगले वर्ष अर्थात २२ जनवरी २०२४ को यहां की श्रीरामजन्म भूमि पर निर्मित भव्य श्रीराममंदिर का उद्घाटन किया जाएगा । इसी दिन मंदिर में भगवान श्रीरामजी की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की जाएगी ।

अयोध्‍या को विश्‍व का सबसे बडा धार्मिक पर्यटन केन्‍द्र बनाने के लिए ३२ हजार करोड की परियोजना !

अयोध्‍या को केवल धार्मिक पर्यटन की दृष्‍टि से विकसित न करते हुए यह हिन्‍दू धर्म की शिक्षा प्राप्‍त करने का विश्‍व स्‍तरीय केन्‍द्र हो, इसके लिए केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकार को प्रयास करने चाहिए !

(और इनकी सुनिए… ) ‘सनातन धर्म का अर्थ है एच.आई.वी. एवं कुष्ठ रोग !’ – डी.एम.के सांसद ए. राजा

डी.एम.के. नेता जानबूझकर दलितों एवं पिछडे वर्ग के पारंपरिक मत प्राप्त करने के लिए ऐसी अश्लाघ्य आलोचना कर रहे हैं, धार्मिक हिन्दुओं को संगठित होकर वैधानिक मार्ग से इसका विरोध करना चाहिए !

संसद के विशेष सत्र का विषय नहीं बताया, इसलिए सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री को पत्र

पत्र में उन्होंने कहा है, ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों की इच्छा है कि वे आपका सहयोग करें । परंतु ‘इस विशेष सत्र का कारण क्या है’, उस संदर्भ में विरोधी दलों को बताना चाहिए, तो हम उस संदर्भ में निर्णय ले सकेंगे ।

प्रधानमंत्री मोदीजी का इंडोनेशिया के ‘आसियान-इंडिया परिषद’की कार्यक्रम पत्रिका में ‘भारत के प्रधानमंत्री’ ऐसा उल्लेख !

हजारों वर्षों से इस देश का नाम ‘भारत’ है, और यदि उसका उल्लेख प्रधानमंत्री करते हैं, तो कांग्रेस के पेट में दर्द क्‍यों हो रहा है ?

राष्ट्र की आध्यात्मिक उन्नति होनी चाहिए !

भारत में हिन्दुओं को सुरक्षित एवं शांति से जीवन जीने के लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापित होना आवश्यक !

पहले की सरकारों का ‘इसरो’ पर विश्‍वास नहीं था ! – पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन

पहले की सरकारों का ‘भारतीय अंतरिक्ष संशोधन संगठन’ पर (‘इसरो’ पर) विश्‍वास नहीं था, ऐसा दावा ‘इसरो’ के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने किया है । नंबी नारायणन के साक्षात्‍कार का एक वीडिओ प्रसारित हुआ है ।