बेंगलुरू – पहले की सरकारों का ‘भारतीय अंतरिक्ष संशोधन संगठन’ पर (‘इसरो’ पर) विश्वास नहीं था, ऐसा दावा ‘इसरो’ के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने किया है । नंबी नारायणन के साक्षात्कार का एक वीडिओ प्रसारित हुआ है । नंबी नारायणन ने साक्षात्कार के समय बताया कि पहले के सरकारों के बजट में ‘इसरो’ के लिए आर्थिक प्रावधान बहुत ही मर्यादित था । ‘राजनैतिक पक्ष चंद्रयान-३ अभियान का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं इसपर आपका क्या कहना है ?’, ऐसा प्रश्न नंबी नारायणन से पूछा गया था । उसपर बोलते समय उन्होंने यह दावा किया ।
Former Isro scientist #NambiNarayanan said that the previous Congress government did not have faith in India’s space agency for a long timehttps://t.co/DnJgIUfmEK
— IndiaToday (@IndiaToday) August 27, 2023
राष्ट्रीय परियोजना (नेशनल प्रोजेक्ट) का श्रेेय प्रधानमंत्री को नहीं तो और किसको जाता है ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले चंद्रयान-३ अभियान की सफलता को श्रेय स्वयं लेने का विरोधकों के प्रयास के विषय में बोलते हुए नंबी नारायणन ने कहा, ‘अभियान की सफलता का संपूर्ण श्रेय जिस प्रकार अध्यक्ष एस. सोमनाथ को जाता है वैसे ही इसका श्रेय प्रधानमंत्री कोे भी जाता है । कुछ लोगों को प्रधानमंत्री पसंद नहीं तो इसका अर्थ यह नहीं होता कि, उसका श्रेय उन्हे नहीं मिलेगा । राष्ट्रीय परियोजना का श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं देंगे तो और किसे देंगे ?