प्रधानमंत्री मोदीजी का इंडोनेशिया के ‘आसियान-इंडिया परिषद’की कार्यक्रम पत्रिका में ‘भारत के प्रधानमंत्री’ ऐसा उल्लेख !

कांग्रेस की टिप्‍पणी

(‘आसियान’ अर्थात दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्‍ट्रों का संगठन)

नई देहली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया में होने वाले ‘आसियान-इंडिया परिषद’ में उपस्थित रहने के लिए ६ सितंबर को यात्रा के लिए निकले । उनके इस दौरे के संदर्भ में सरकार की अधिकृत कार्यक्रम पत्रिका पर ‘इंडिया’ के स्थान पर ‘भारत’ लिखा गया है । इसके पहले जी-२० परिषद के लिए उपस्थित रहने वाले देशों के राष्‍ट्‍प्रमुखों को ‘भारत’ के राष्ट्रपति के द्वारा रात के भोजन का निमंत्रण दिया गया है, इस प्रकार इस निमंत्रण पत्रिका पर भी ‘इंडिया’ के स्थान पर ‘भारत’ लिखा गया था । इसके उपरांत देश में विवाद निर्माण होने पर अब प्रधानमंत्री दौरे के संदर्भ में भी ‘भारत’ ऐसा उल्लेख करने पर विरोधी दलों द्वारा टिप्पणी की जा रही हैै ।

प्रधानमंत्री के इस दौरे से संबंधित पत्रिका भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ‘एक्‍स’ पर (पहले के ट्विटर पर) साझी की थी । जिसमें ‘भारत के प्रधानमंत्री’ ऐसा लिखा हुआ है । कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने भी वह पत्रिका ‘शेअर’ करते हुए लिखा है, ‘देखो, मोदी सरकार कितनी उलझन में हैै । इस कार्यक्रम का नाम २० वी ‘आसियान-इंडिया परिषद’ है, जिसमें ‘भारत’ के प्रधानमंत्री सहभागी होंगे । विरोधी संगठित हो गए हैं इसलिए यह सारा नाटक हो रहा है ।’

आसियान राष्ट्र 

आसियान में मलेशिया, इंडोनेशिया, म्‍यांमार, वियतनाम, कंबोडिया, फिलिपींस, ब्रुनेई, थाईलैंड, लाओस तथा सिंगापुर राष्‍ट्रों का समावेश है । भारत को इस परिषद में सहभागी होने के लिए निमंत्रित किया जाता है ।

आसियान परिषद में भारत क्‍या करेगा ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया दौरे में आसियान सदस्‍य देशों के व्‍यापार तथा सुरक्षा विषय पर चर्चा करेंगे । साथ ही आसियान देशों में ‘युपीआय’ (युनिफाईड पेमेंट्‍स इंटरफेस – ऑनलाईन व्‍यवहार करना) सेवा प्रारंभ करने की घोषणा परिषद के काल में की जा सकती है । यह परिषद ५ सेे ८ सितंबर तक है । प्रधानमंत्री मोदी ६ तथा ७ सितंबर यह दो दिन इसमें सहभागी होंगे । इससे पूर्व वर्ष २०१९ में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परिषद में सहभागी हुए थे । अब अमेरिका के उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग तथा रशिया के विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव भी परिषद में सहभागी होंगे ।

चीन तथा आसियान राष्‍ट्रों का संबंध तनावपूर्ण !

हाल ही में दक्षिण चीन समुद्र में चीनी सैनिकों नेे फिलिपींस की नौका पर आक्रमण किया था । इस पर अमेरिका ने चीन पर इस क्षेत्र में तनाव निर्माण करने तथा अन्‍यों के भूभाग में घुसपैठ करने का आरोप लगया था । दक्षिण चीन समुद्र के बारे में आसियान राष्‍ट्र तथा चीन में वादविवाद है । इस क्षेत्र में चीन का सामना करने के लिए आसियान राष्‍ट्र अमेरिका तथा भारत की सहायता लते हैं । वर्ष १९९० के दशक में आर्थिक संकट के कारण इन राष्‍ट्रों की चीन पर निर्भरता बढ गई । उस समय चीन की आर्थिक स्‍थिति बहुत अच्‍छी थी । इसलिए आसियान ने चीन के साथ मुक्‍त व्‍यापार करार किया; परंतु चीन द्वारा इसका अपलाभ उठाना आरंभ करने पर, इन देशों ने अमेरिका तथा भारत समान राष्‍ट्रों से संबंध दृढ कर उन्‍हें उनकी चर्चा में भागीदार बनाया ।

संपादकीय भूमिका 

हजारों वर्षों से इस देश का नाम ‘भारत’ है, और यदि उसका उल्लेख प्रधानमंत्री करते हैं, तो कांग्रेस के पेट में दर्द क्‍यों हो रहा है ? यदि वर्तमान सरकार ‘इंडिया’ शब्‍द का उल्लेख जानबूझकर टाल रही है, तो कांग्रेस को क्‍या समस्‍या है ?