बिहार के १५ सहस्र मुसलमान युवकों को देश में अराजकता निर्माण करने हेतु दिया शस्त्र-अस्त्र का प्रशिक्षण !
पता नहीं ऐसे लोगों से होनेवाले अक्रमण रोकने के लिए सरकार उनपर कार्रवाई कब करेगी ? और उन्हें शिक्षा कब देगी ?
पता नहीं ऐसे लोगों से होनेवाले अक्रमण रोकने के लिए सरकार उनपर कार्रवाई कब करेगी ? और उन्हें शिक्षा कब देगी ?
कावड यात्रा पर बार-बार होने वाले आक्रमण रोक न पाना पुलिस-प्रशासन के लिए लज्जास्पद ! ऐसे आक्रमण रोकने के लिए अब हिन्दुओं को संगठित होना चाहिए !
सूची मांगने की अपेक्षा इस प्रकार अवकाश दिया जाना नियमों का उल्लंघन है, यह बताकर संबंधित लोगों पर कार्यवाही कर पुनः रविवार को अवकाश देने का निर्देश देना अपेक्षित है !
सुरतकल भाग में ४-५ अज्ञात हमलावरों ने २८ जुलाई को रात्रि लगभग ८ बजे महंमद फाजील की अमानुषिक पिटाई की एवं चाकू से वार कर हत्या कर दी ।
हिन्दुओं ने भी गलती की है । १९४७ में विभाजन के समय यह स्पष्ट कर दिया जाना चाहिए था कि जो मुसलमान ‘दारुल इस्लाम’ चाहते हैं, वे भारत में नहीं रह सकते ।
ऐसे विधानों के कारण भारत विरोधी शक्तियों को ‘भारत मुसलमान विरोधी है’, ऐसा कहने का अवसर हम ही देते हैं । इसलिए अब शरीफ के पिता पर भी कार्यवाही होनी चाहिए !
बिहार की गंठबंधन सरकार में भाजपा के सहयोगी होते हुए इस प्रकार से शुक्रवार का अवकाश कैसे रहता है ?, ऐसा प्रश्न हिन्दुओं के मन में निर्माण हो रहा है !
‘आतंकवाद का न कोई धर्म है और न ही रंग’, ऐसा शोर मचानेवाले जिहादियों के समर्थकों को अब क्या कहना है ?
भारत से पृथक (अलग) हुए मुसलमानबहुल देश में हिन्दू तथा सिक्खों की संख्या प्रतिदिन घट रही है । इस संदर्भ में पिछले ७५ वर्षों में भारत सरकार ने एक बार भी आवाज नहीं उठाई, न ही हिन्दू संगठनों ने इसके लिए सरकार पर दबाव डाला । भारत के हिन्दुओं के लिए यह लज्जास्पद है !
उत्तर प्रदेश पुलिस से ऐसे लोगों पर कडी से कडी कार्रवाई करना अपेक्षित है !