पुलिस ने दक्षिण भारत में ३ मठों पर आतंकवादी आक्रमण को किया विफल !

  • इस्लामिक स्टेट और अल् कायदा के ४ जिहादियों को बनाया बंदी !

  • स्वतंत्रतादिन पर करनेवाले थे आक्रमण !


बंगलुरु / चेन्नई – भारत के अमृतमहोत्सव के दिन, अर्थात १५ अगस्त को दक्षिण भारत के ३ बडे मठों पर होनेवाले आतंकवादी आक्रमण के षड्यंत्र को तमिलनाडु एवं कर्नाटक की पुलिस ने विफल कर दिया । इस प्रकरण में दोनों राज्यों की पुलिस ने इस्लामिक स्टेट एवं अल् कायदा के कट्टर जिहादी आतंकवादी संगठनों से संबंधित ४ जिहादी आतंकवादियों को बंदी बनाया है ।

गुप्तचर विभाग की जानकारी के अनुसार तमिलनाडु पुलिस ने २६ जुलाई को इस्लामिक स्टेट से संबंधित आसिफ मुस्तीन एवं यासिर नवाब को बंदी बनाया है । पूछताछ के समय ध्यान में आया है कि आसिफ ने ३० लोगों का एक जाल बनाया था, जो एक महीने पहले से मठों की रेकी (निगरानी) कर रहे थे । वे आक्रमण के लिए विस्फोटक तथा आवश्यक वस्तुएं एकत्र कर रहे थे । २४ जुलाई को बेंगलुरु पुलिस ने अख्तर हुसेन लष्कर एवं मुहम्मद जुबा को बंदी बनाया । पूछताछ से पता चला कि वे हिन्दुओं पर आत्मघाती आक्रमण करनेवाले थे । उनका अल् कायदा नामक कट्टर जिहादी संगठन में भर्ती होने का भी प्रयत्न था । वे साऊदी अरेबिया एवं अफगानिस्तान में जाल निर्माण करने के प्रयत्न में थे एवं ‘टेलिग्राम प’ से मुसलमान युवकों को एकत्र करने हेतु प्रयत्नशील थे । उनका अफगानिस्तान जाने का भी प्रयत्न था । उनका दावा था कि ‘भारत में मुसलमानों के साथ तीसरे दर्जे के नागरिकों जैसे व्यवहार किया जा रहा है ।’ इन दोनों के पास से ‘सर तन से जुदा’ (धड से सर अलग करना) अभियान से संबंधित अनेक दस्तावेज मिले हैं । इन चारों ने अपने आरोप को स्वीकृति दी है ।

सौजन्य टीवी 9 भारतवर्ष

कांची, शृंगेरी और रामचंद्रपुरा मठ थे जिहादियों के लक्ष्य !

शृंगेरी, कांची और रामचंद्रपुरा मठ जिहादी आतंकवादियों के लक्ष्य थे । इन तीनों मठों का हिन्दू धर्म में बहुत महत्त्व है । शृंगेरी शारदा पीठ की स्थापना कर्नाटक के चिक्कमंगळुरू में आदि शंकराचार्य ने की थी । तमिलनाडु के कांचीपुरम् में कांची कामकोटी नामक महत्त्वपूर्ण पीठ है तथा रामचंद्रपुरा मठ कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में है ।

संपादकीय भूमिका 

  • ‘आतंकवाद का न कोई धर्म है और न ही रंग’, ऐसा शोर मचानेवाले जिहादियों के समर्थकों को अब क्या कहना है ?
  • देश के ७५ वें स्वतंत्रतादिन के अवसर पर भी जिहादी आतंकवाद का धोखा रहना भारत के लिए लज्जाजनक है ! क्या ‘मेरा भारत महान’ कहनेवाले सभी भारतीयों के लिए यह स्थिति लज्जा से गर्दन झुकानेवाली नहीं ?
  • ध्यान दें कि हिन्दुओं को ‘भगवा अतंकवादी’ माननेवाली कांग्रेस सहित पाखंडी धर्मनिरपेक्षतावादी राजनीतिक दल, कभी इन धर्मांधों के विरोध में मुंह नहीं खोलते !
  • ऐसों को वर्षों तक कारागृह में रखकर उनके पालन-पोषण की अपेक्षा मृत्युदंड देने के लिए सरकार को प्रयत्नशील होना चाहिए !