बिहार राज्य में ‘हिन्दू राष्ट्र-संपर्क अभियान’ को अधिवक्ता, हिन्दुत्वनिष्ठ, उद्योगपति एवं मंदिर न्यासियों का सकारात्मक प्रतिसाद !

‘भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो’, इस उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से बिहार राज्य के सारन, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गया पाटलिपुत्र, औरंगाबाद आदि जिलों में हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान किया गया ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘पुलिस तथा सेना में ही नहीं, प्रशासन में सभी को भर्ती करते समय हिन्दू राष्ट्र में ‘राष्ट्र एवं धर्म के प्रति प्रेम’ को सबसे बडा घटक माना जाएगा !’

गोहत्यासहित राष्ट्र की प्रत्येक समस्या का शाश्वत समाधान – धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की (आदर्श रामराज्य की) स्थापना !

‘केवल गोहत्याबंदी कानून करना पर्याप्त नहीं है, अपितु देश में गोपालक राज्यकर्ता होना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है ।’ ऐसे राज्यकर्ता मिलने के लिए धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र नहीं, अपितु धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !

गोरक्षा के कार्य का महत्त्व एवं मर्यादाएं

अधिकांश पूर्णकालीन गोरक्षकों को गोरक्षा का कार्य प्रतिदिन ७-८ घंटे का भी नहीं होता । जब गोरक्षा का कार्य नहीं होगा, उस समय उन्होंने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए कार्य किया, तो उनके परिश्रम सर्वत्र के गायों की रक्षा हेतु सहायक सिद्ध होंगे ।

हिन्दू जनजागृति समिति की द्विदशक पूर्ति के अवसर पर धनबाद, झारखंड में ‘हिन्दू राष्ट्र-संकल्प अभियान’ अंतर्गत विविध कार्यक्रमों का आयोजन

भुईफोड शिव मंदिर स्थित भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी प्रज्ञात्मानंदजी महाराजजी से भेंट में ‘लव जिहाद’ तथा धर्मांतरण की चर्चा हुई । स्वामीजी ने तरुण हिन्दू संगठन के साथ चल रहे धर्मांतरण विरोधी कार्य की जानकारी दी ।

उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु की गई प्रतिज्ञा !

इस उपक्रम का आरंभ हरसिद्धि मंदिर से किया गया था । उसके उपरांत चामुंडामाता मंदिर, गोपाल मंदिर, हिंगलाज माता मंदिर, शिवशक्ति गणेश मंडल आदि स्थानों पर ये प्रतिज्ञाएं ली गई हैं ।

उत्तम स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा को साधना से जोडे – सद्गुरु डॉ. पिंगळे

आज अनेक बिमारीयां ऐसी है, जिसका कारण या समाधान आधुनिक विज्ञान के पास नहीं है । पर आयुर्वेद यह बताता है की, आपके जीवन में कुछ बिमारीयों के लिए आपके गत जन्म के कर्म या कष्ट भी उत्तरदायी हो सकते हैं ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का ‘हिन्दू राष्ट्र दर्शन’

आज के समय में यूरोप का भाषिक राष्ट्रवाद, अफ्रीका-ऑस्ट्रेलिया का भौमिक (भौगोलिक) राष्ट्रवाद, पूर्व के एशियाई देशों का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद तथा अमेरिका उपमहाद्वीप के नागरिक को केंद्रबिंदु बनाकर निर्मित ‘नागरिक राष्ट्रवाद’ की तुलना कर ‘भारतीय राष्ट्रवाद’ विशद करने का दयनीय प्रयास किया जाता है ।

विविध राज्यों में पाठशालाओं का हो रहा इस्लामीकरण और विभिन्न स्थानों पर हिन्दू कार्यकर्ताओं पर हो रहे जिहादी आक्रमण के विरोध में कार्रवाई की मांग !

धनबाद (झारखंड) में‘ हिन्दू राष्ट्र-जागृति आंदोलन’ में की गई मांगें !

जागृत हिन्दू अन्य हिन्दुओं को भी हिन्दू राष्ट्र के विषय में जागृत करें ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

साधना एवं धर्मपालन करनेवाले, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म के लिए क्रियाशील हिन्दुओं की आज आवश्यकता है । धर्म एवं अधर्म की लडाई में हम धर्म को जानकर आगे बढें, तो हमारी विजय निश्चित है ।