जळगांव (महाराष्ट्र) एवं सोनपुर (बिहार) के साधकों को ‘घर-घर में खेती अभियान’ के अंतर्गत प्राकृतिक पद्धति से खेती करते समय सीखने एवं अनुभव करने के लिए मिले सूत्र

गुरुदेवजी की कृपा से बीजों का रोपण अच्छा होने से अन्य साधकों ने भी उनके लिए मुझे रोपण करने की विनती की । ‘गुरुकृपा से मुझे छत पर सब्जियां लगाने तथा साधकों की सहायता करने का अवसर प्राप्त हुआ’, इसके लिए मैं गुरुचरणों में कृतज्ञ हूं ।

गरमी में निम्नांकित सावधानी रखें तथा विविध विकारों से दूर रहें !

‘वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु आरंभ हो गया है । इस समय देह का तापमान बढना, पसीना आना, शक्ति क्षीण होना आदि कष्ट होते हैं । तापमान बढने पर व्यक्ति के बेसुध (बेहोश) होने से (उष्माघात होने पर, होश-हवास खोकर) मृत्यु के भी कुछ उदाहरण हैं ।

तिथि का महत्त्व एवं व्यक्ति की जन्मतिथि निश्चित करने की पद्धति

‘भारतीय कालमापन पद्धति में ‘तिथि’ का महत्त्व है; परंतु वर्तमान में ‘ग्रेगोरीयन’ (यूरोपीय) कालगणना के अनुसार भारत में तिथि का उपयोग व्यवहार में न करते हुए केवल धार्मिक कार्य के लिए ही होता है । प्रस्तुत लेख द्वारा तिथि का महत्त्व एवं व्यक्ति की जन्मतिथि निश्चित करने की पद्धति समझ लेंगे ।

व्यक्ति के चेहरे के परिवर्तित हावभाव के अनुसार उसके द्वारा प्रक्षेपित स्पंदनों में भी परिवर्तन आना

व्यक्ति का चेहरा, विशेषतः उसकी आंखों के भाव मानो उसके मन के दर्पण होते हैं । उसके मन के विचारों का प्रतिबिंब उसके चेहरे पर दिखनेवाले हावभाव के रूप में स्पष्टता से दिखाई देता है ।

हलाल अर्थव्यवस्था – भारत विरुद्ध षड्यंत्र ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा झारखंड राज्य में ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति अभियान’ चलाया गया । समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे इस अभियान के संदर्भ में विविध कार्यक्रमों में सहभागी हुए थे । इस समय उन्होंने कहा, ‘‘हलाल अर्थव्यवस्था भारत के विरुद्ध एक षड्यंत्र है ।

आज की युवा पिढी के समक्ष सनातन धर्म की श्रेष्ठता उचित पद्धति से प्रस्तुत करना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

पश्चिमियों के साथ ही पूरे विश्व के लोग आनंद की खोज में स्वयं ही सनातन धर्म एवं संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं । इसके विपरित हिन्दू अपनी अंधबौद्धिक दासतां के कारण पश्चिमी विकृति की ओर मुड रहे हैं । आज के युवानो को आधुनिक विज्ञान की अपेक्षा सनातन संस्कृति की श्रेष्ठता विशद करने की आवश्यकता है ।

हनुमान जयंती के अवसर पर… श्रीरामजी की दास्यभक्ति करनेवाले हनुमानजी के जन्म का इतिहास, जयंती एवं हनुमानस्तोत्र

कुछ पंचांगों के अनुसार हनुमान जन्मतिथि कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी है, तो कुछ चैत्र पूर्णिमा बताते हैं । महाराष्ट्र में हनुमानजयंती चैत्र पूर्णिमापर मनाई जाती है ।

हनुमानजी की पूजा से पूर्व मारुतितत्त्व से संबंधित सात्त्विक रंगोलियां बनाना

हनुमानजी की पूजा से पूर्व, तथा हनुमान जयंती के दिन घर अथवा देवायल में हनुमान तत्त्व आकर्षित एवं प्रक्षेपित करनेवाली सात्त्विक रंगोलियां बनाएं । ऐसी कुछ रंगोलियां आगे दी हैं ।

शनि की साढे साती एवं हनुमानजी की पूजा

पूजा में विशिष्ट देवता को जो विशिष्ट सामग्री अर्पित की जाती है, ‘वह सामग्री उस देवता को प्रिय है’, उदा. गणपति को लाल फूल, शंकरजी को बिल्वपत्र एवं विष्णुजी को तुलसी ।

हिन्दू ग्राहकों को ‘हलाल’ वर्जित पदार्थ तुरंत उपलब्ध कराए जाएं !

देश के केवल १५ प्रतिशत मुसलमान समाज को इस्लाम के दृष्टिकोण से वैध ‘हलाल’ पदार्थ चाहिए, इस नाम पर ८५ प्रतिशत हिन्दू समाज पर ‘हलाल’ थोपा जा रहा है ।