इसरो की सफलता का श्रेय !

इसरो की सफलता का श्रेय हथियाने पर तुली कांग्रेस ने अपने शासनकाल में वैज्ञानिक को कारागृह में भेजकर देश की हानि की !

वर्तमान शिक्षा एवं आध्यात्मिक शिक्षा में अंतर !

‘शिक्षक द्वारा मानचित्र में दिखाए अमेरिका को सत्य मानकर अध्ययन करनेवाले; परंतु संतों द्वारा बताए गए देवता के चित्र पर श्रद्धा रखकर अध्यात्म का अध्ययन न करनेवाले बुद्धिप्रमाणवादी नहीं, अपितु अध्यात्म विरोधी हैं, ऐसा कह सकते हैं । इससे संबंधित एक विवरणात्मक लेख प्रस्तुत है ।

कांग्रेस की इंदिरा गांधी ने मिजोरम पर बम क्यों बरसाए ?

कांग्रेस के शासनकाल में एक से बढकर एक, ऐसी अनेक काली करतूतें हुई हैं । उन्हें बाहर निकालना आवश्यक है ।

श्री गणेश चतुर्थी का महत्त्व

श्री गणेश चतुर्थी पर तथा गणेशोत्सव काल में नित्य की तुलना में पृथ्वी पर गणेशतत्त्व १,००० गुना कार्यरत रहता है । इस अवधि में श्री गणेश का नामजप, प्रार्थना एवं अन्य उपासना करने से गणेशतत्त्व का लाभ अधिकाधिक मिलता है ।

ऋषि पंचमी (भाद्रपद शुक्ल ५ [२०.९.२०२३])

जिन ऋषियों ने अपने तपोबल से विश्व-मानव पर अनंत उपकार किए हैं, मनुष्य के जीवन को उचित दिशा दी है, उन ऋषियों का इस दिन स्मरण किया जाता है ।

श्राद्ध किसे करना चाहिए ?

माता-पिता तथा अन्य निकटवर्ती संबंधियों की मृत्यु के उपरांत, उनकी आगे की यात्रा सुखमय एवं क्लेशरहित हो तथा उन्हें सद्गति प्राप्त हो, इसलिए ‘श्राद्ध’ करना आवश्यक है । पितृपक्ष के निमित्त इस लेख में श्राद्ध का महत्त्व एवं लाभ तथा ‘श्राद्ध किसे करना चाहिए ?’ यह समझ लेते हैं ।

पाठकों, शुभचिंतकों और धर्मप्रेमियों से विनम्र निवेदन तथा साधकों के लिए महत्त्वपूर्ण सूचना !

पितृपक्ष में पितृलोक, पृथ्‍वीलोक के सर्वाधिक निकट आने से इस काल में पूर्वजों को समर्पित अन्‍न, जल और पिंडदान उन तक शीघ्र पहुंचता है । उससे वे संतुष्‍ट होकर परिवार को आशीर्वाद देते हैं ।

श्राद्ध का उद्देश्य एवं श्राद्ध के विविध प्रकार

सर्व जीवों की लिंगदेह साधना नहीं करती । अतः श्राद्धादि विधि कर, उन्हें बाह्य ऊर्जा के बल पर आगे बढाना पडता है; इसलिए श्राद्ध करना महत्त्वपूर्ण है ।

चंद्रोदय कब होता है ?

‘सामान्यतः बोल-चाल की भाषा में हम ऐसा कहते हैं, ‘सूर्य का सवेरे एवं चंद्रमा का रात में उदय होता है ।’ सूर्य के संदर्भ में यह योग्य है, परंतु चंद्रमा के संदर्भ में ऐसा नहीं होता । चंद्रोदय प्रतिदिन भिन्न समय होता है । इसकी जानकारी इस लेख द्वारा समझ लेते हैं ।

देवालय में परिक्रमा करने से व्यक्ति को होनेवाले आध्यात्मिक स्तर के लाभ !

देवालय के गर्भगृह में विद्यमान चैतन्य गर्भगृह में एवं गर्भगृह के आसपास वर्तुलाकार घूमता रहता है । परिक्रमा करने से परिक्रमा करनेवाले को इस चैतन्य का लाभ मिलता है ।