आंखों में संक्रमण का अर्थ एवं उसका उपचार
‘आंखों में संक्रमण होने का निश्चित अर्थ क्या है? यह किस कारण से होता है ? उसके लक्षण क्या हैं ? इसके लिए क्या उपचार करें ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आज हम जानेंगे एवं इससे संबंधित सावधानी रखेंगे ।
‘आंखों में संक्रमण होने का निश्चित अर्थ क्या है? यह किस कारण से होता है ? उसके लक्षण क्या हैं ? इसके लिए क्या उपचार करें ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आज हम जानेंगे एवं इससे संबंधित सावधानी रखेंगे ।
हलाल सर्टिफिकेशन के माध्यम से एक समानांतर अर्थव्यवस्था निर्माण की जा रही है ।
यदि हम अपने दुर्गुणों को दूर करने के लिए गुणवृद्धि करने का प्रयास करें, तो हम आनंदमय जीवन यापन कर सकते हैं ।
एक शोध के अनुसार हम दिनभर में जो विचार करते हैं, उनमें से ८० प्रतिशत विचारों का वास्तविक जीवन से कुछ लेना-देना नहीं रहता । इन विचारों में हमारी ऊर्जा व्यर्थ होती है । हमें अनेक विचारों से ऊर्जा प्रदान करनेवाले एक विचार पर अर्थात नामजप पर आना होगा ।
तनाव का बाह्य कारण ५ प्रतिशत और आंतरिक कारण लगभग ९५ प्रतिशत होता है । तनाव के आंतरिक कारणों पर विजय प्राप्त कर तनावमुक्त जीवन व्यतीत करने के लिए साधना ही एकमात्र उपाय है ।
सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ३० अगस्त को रक्षाबंधन मनाया गया । इस निमित्त सनातन की साधिकाओं तथा समिति की कार्यकर्त्रियोेंं ने सनातन एवं समिति के शुभचिंतक, पाठक, धर्माभिमानी, हिन्दुत्वनिष्ठ, पत्रकार, डॉक्टर, पुलिस, मुख्यमंत्री एवं विधायकों को राखी बांधी ।
श्राद्ध से पूर्वजों को गति मिलने की प्रक्रिया क्या है ? श्राद्ध द्वारा हमारी पितृदोष से रक्षा कैसे होती है ? ऐसे प्रश्नोंके उत्तर जानकर लेने के लिए पढिए ग्रंथ ‘श्राद्धका महत्त्व एवं अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन’
‘विक्रम लैंडर’ चंद्रमा पर सफलता से उतरने के विषय में अनुभव हुए सूक्ष्म आयाम संबंधी तथ्य
पितृपक्ष की अवधि में पितृदोष से उत्पन्न कष्टों से रक्षा होने हेतु पूरे दिन में बीच-बीच में भगवान दत्तात्रेय से प्रार्थना करें और प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ’ नामजप करें ।
विद्यालयीन अथवा महाविद्यालयीन वर्ष के आरंभ में ही छात्रों को सनातन के ग्रंथ पुरस्कार स्वरूप देने के संदर्भ में विनती पत्र प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्याें को देने का नियोजन करें ।