सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी के अनमोल वचन तथा मार्गदर्शन
सुख पाने की अपेक्षा के कारण अन्यों से इच्छा अथवा अपेक्षा करना, यदि हमारे जीवन में दुख तथा अज्ञान निर्माण करता है, तो वह ‘आसक्ति’ है ।
सुख पाने की अपेक्षा के कारण अन्यों से इच्छा अथवा अपेक्षा करना, यदि हमारे जीवन में दुख तथा अज्ञान निर्माण करता है, तो वह ‘आसक्ति’ है ।
वज्रसूचिकोपनिषद्में ‘ब्राह्मण नाम किसका है ?’ ऐसा प्रश्न उपस्थित कर अलग-अलग संभावनाएं बताकर उनका निराकरण किया है । अंतमें ‘ब्राह्मण’ नाम किसका है, यह स्पष्ट किया है । जिज्ञासुओंके लिये यह जानकारी आगे दी है ।
छात्रों को पुरस्कार स्वरूप सनातन द्वारा प्रकाशित ‘बालसंस्कार’ नामक ग्रंथमाला तथा अन्य ग्रंथ देने से उनके मन पर सुसंस्कारों का महत्त्व अंकित होने में सहायता मिलेगी ।
सनातन के साधक श्री. सचिन डे (आयु ५३ वर्ष) का २७ अगस्त को रात्रि हृदयाघात के कारण निधन हो गया ।