संपूर्ण जोशीमठ गांव को स्थानांतरित करना अयोग्य ! – सर्वेक्षण दल

वर्तमान में उत्तराखंड का जोशीमठ भूस्खलन का सामना कर रहा है; लेकिन संपूर्ण जोशीमठ गांव को स्थानांतरित करना अयोग्य है, ऐसा मत जोशीमठ के सर्वेक्षण के लिए गए दल ने व्यक्त किया । किसी भी ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले यह दल जोशीमठ का पुन: सर्वेक्षण करेगा ।

रूस ने किया परमाणु युद्धाभ्यास !

रूस ने २६ अक्टूबर को परमाणु युद्धाभ्यास किया है । इससे संबंधित दल ने यह युद्धाभ्यास किया ।

ताइवान में भूकंप के १०० झटके, जापान में सुनामी की चेतावनी !

स्थानीय प्रसारमाध्यमों द्वारा दी जानकारी के अनुसार भूकंप के झटके इतने जोरदार थे कि, अनेक इमारतें गिर गईं, रास्तों पर बडे गढ्ढे हो गए, एक पुल गिर गया तथा एक रेल पलट गई ।

विकार दूर करने के लिए आवश्यक देवताओं के तत्त्वानुसार दिए गए कुछ विकारों पर नामजप

आगामी आपत्काल में आधुनिक वैद्य अथवा उनकी दवाएं उपलब्ध नहीं होंगी । उस समय यह ज्ञात करना कठिन होगा कि किस विकार के लिए क्या उपाय कर सकते हैं । अतः साधक यह लेख संग्रह करके रखें तथा उसी के अनुसार नामजप करें । इससे विकार अल्प होने में लाभ होगा ।

विश्व में सबसे लंबा अर्थात ३४६ किमी लंबाई का थेम्स नदी का किनारा सूखने के मार्ग पर !

वर्ष १९३५ के पश्चात, ब्रिटेन में इस वर्ष की जुलाई माह में सर्वाधिक भीषण सूखा पडा । औसतन वर्षा केवल ३५ प्रतिशत थी ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए तन, मन, धन, बुद्धि और कौशल का योगदान करना, यही काल के अनुसार गुरुदक्षिणा !

आज प्रत्येक व्यक्ति धर्माचरण करने लगा, उपासना करने लगा, तो ही वह धर्मनिष्ठ होगा । ऐसे धर्मनिष्ठ व्यक्तियों के समूह से धर्मनिष्ठ समाज की निर्मिति हो सकती है । धर्मनिष्ठ होने के लिए धर्म के अनुसार बताई उपासना अर्थात साधना करना अनिवार्य है ।

हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य स्वयं का है; इसलिए उसमें आगे बढकर कार्य करना चाहिए !

सनातन धर्मग्रंथों में राजधर्म बताया गया है । वहां धर्म की सीमा के बाहर राजनीति नहीं है । धर्म की सीमा से बाहर यदि राजनीति हो, तो उसका नाम ‘उन्माद’ है, जब तक भारत में धर्माधारित राजपद्धति अपनाई नहीं जाएगी, तबतक गायें, गंगा, सती, वेद, सत्यवादी, दानशूर आदि का संपूर्ण संरक्षण नहीं हो सकता ।

परात्पर गुरु डॉक्टरजी द्वारा सिखाई गई ‘भावजागृति के प्रयास’ की प्रक्रिया ही आपातकाल में जीवित रहने के लिए संजीवनी !

आपकी दृष्टि सुंदर होनी चाहिए । तब मार्ग पर स्थित पत्थरों, मिट्टी, पत्तों और फूलों में भी आपको भगवान दिखाई देंगे; क्योंकि प्रत्येक बात के निर्माता भगवान ही हैं । भगवान द्वारा निर्मित आनंद शाश्वत होता है; परंतु मानव-निर्मित प्रत्येक बात क्षणिक आनंद देनेवाली होती है । क्षणिक आनंद का नाम ‘सुख’ है ।

आपातकाल में देवता की कृपा कैसे प्राप्त करनी चाहिए ?

हमें अपने रसोईघर को ‘अन्नपूर्णा कक्ष’ बना देना चाहिए । रसोईघर में अन्न का अभाव पड सकता है । अन्नपूर्णा कक्ष में संपूर्ण ब्रह्मांड का पोषण करनेवाली माता अन्नपूर्णा विराजमान होती है । उसके कारण वहां कभी भी किसी बात का अभाव नहीं होता ।