Temple Priests Arrested : मेट्टुपलायम (तमिलनाडु) यहां वनबद्रकालीअम्मा मंदिर के ४ पुजारियों को बंदी बनाया गया  !

भक्तों द्वारा अर्पण निधि में घोटाले करने का आरोप

मेट्टुपलायम (तमिलनाडु) – मेट्टुपलायम पुलिस ने कहा, ‘कुछ दिन पूर्व ही तमिलनाडु राज्य के मेट्टुपलायम के वनबद्रकालीअम्मा मंदिर के ४ पुजारियों को भक्तों द्वारा अर्पण निधि में घोटाले करने का आरोप लगाते हुए बंदी बनाया गया है । उनके नाम हैं, आर. रघुपति (आयु ३६ वर्ष), एस. थंडापानी (आयु ४७ वर्ष), एस. विष्णुकुमार (आयु ३३ वर्ष) एवं एल. सरावनन (आयु ५४ वर्ष) । उनके साथ ही इस प्रकरण से जुडे मंदिर के एक न्यासी पलायन हो गए है ।’

कानूनी कार्रवाई (ई.डी.) करनेवाले अधिकारियों ने ‘सीसीटीवी फुटेज’ के आधार पर ४ पुजारियों को मंदिर की अर्पण थाली में रखी राशि घर ले जाते हुए पकड लिया । तमिलनाडु हिन्दू धर्मादाय (एच.आर. एंड सी.ई.) विभाग के सहायक आयुक्त एवं मंदिर के कार्यकारी अधिकारी यु.एस. कैलासमूर्ति ने कहा, ‘मंदिर के पुजारियों को सरकारी निर्देश अनुसार मंदिर की अर्पण थाली की सब राशि हुंडी में जमा करना अनिवार्य है । तथापि पुजारियों ने इस नियम की अनदेखी की ।’ इस कारण उन्होंने पुजारियों के विरुद्ध मेट्टुपलायम न्यायदंडाधिकारी के न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है ।

१४ मार्च २०२४ को न्यायालय के निर्देश अनुसार, मेट्टुपलायम पुलिस ने इस घोटाले में लिप्त मंदिर के न्यासी वसंतम संपत के साथ ही ४ पुजारियों के विरुद्ध कार्यवाही आरंभ की है । तदनंतर २५ अप्रैल को पुलिस ने ४ पुजारियों को बंदी बनाया । इस प्रकरण में पुलिस आगे की जांच कर रही है ।

द्रमुक सरकार की आलोचना

इस प्रकरण में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टैलिन की सभी स्तर पर आलोचना हो रही है । उनका यह कृत्य हिन्दुद्वेष एवं भेदभाव का एक उदाहरण है । विख्यात लेखिका एवं वक्ता शेफाली वैद्य ने ‘एक्स’ पर प्रसारित की हुई एक ‘पोस्ट’ में आरोप लगाते हुए कहा है, ‘पुजारियों को अल्प मानधन मिलता है, तो मंदिर हुंडी के निधि का सरकार द्वारा घोटाला किया जाता है । भक्तों द्वारा आरती की थाली में अर्पण किया गया दान पुजारियों को देने की प्रथा है । इस प्रथा में राज्य सरकार हस्तक्षेप कर रही है ।’