|
(द्रमुक (द्रविड मुनेत्र कळघम्) का अर्थ है द्रविड प्रगति संघ)
चेन्नई (तमिलनाडु) – तमिलनाडु में विद्यालयों से कथित जातिवाद का अंत करने के लिए द्रमुक सरकार को एक तुगलकी रिपोर्ट सौंपी गई है। इसके तहत स्कूल परिसर में कलाई बैंड, अंगूठियां या माथे पर गंध जैसे सूत्रों पर प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की गई थी। २०२३ में राज्य के तिरुनेलवेली में दो दलित भाई-बहनों को कुछ ऊंची जाति के छात्रों ने कथित तौर पर पीटा था। इसका कारण देते हुए सरकारने मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के. चंदू की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति ने कुछ समय पूर्व ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री स्टालिन को सौंपी है।
Prohibit students from wearing rings, applying tilak on forehead in schools
Recommendation of Tughlaqi report submitted to the #DMK Government in Tamil Nadu
Strong opposition from the BJP and Kallar caste Hindus
What else is expected to occur in Tamil Nadu under the DMK… pic.twitter.com/riHivM7r8A
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 21, 2024
भाजपा ने इस रिपोर्ट का विरोध किया है। प्रदेश के भूतपूर्व भाजपा अध्यक्ष एच. राजा ने अंगूठियों और माथे पर कुमकुम पर प्रतिबंध लगाने की प्रथा पर आपत्ति जताते हुए इन्हें ‘हिन्दू विरोधी’ बताया। दूसरी ओर, कल्लार जाति ने जातिगत उपाधियां हटाने का अनुरोध पर आपत्ति जताई है, जबकि शिक्षकों ने स्थानांतरण के सूत्र का विरोध किया है ।
६१० पन्नों की इस रिपोर्ट में ये हैं अहम अनुरोध !
१. स्कूल के नाम से जातिसूचक शब्द हटाए जाएं।
२. समय-समय पर शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाए।
३. उपस्थिति पंजिका में विद्यार्थियों की जाति नहीं लिखी जानी चाहिए।
४. ६ वी से १२ वी कक्षा तक छात्रो को जातिगत भेदभाव, हिंसा, यौन उत्पीड़न और एस.सी.-एस.टी. (अत्याचार निवारण) कानून अनिवार्य होना चाहिए।
५. प्रशासनिक मोर्चे पर, मुख्य शिक्षा अधिकारियों, जिला शिक्षा अधिकारियों, समूह शिक्षा अधिकारियों और उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों को उन स्थानों पर नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए जहां उनकी जाति के लोगों की जनसंख्या अधिक हो।
संपादकीय भूमिका
|