नई संसद भवन के ‘अखंड भारत’ के मानचित्र का भारतीयों द्वारा स्वागत !

अखंड भारत के मानचित्र में प्राचीन भारत के महत्त्व के राज्य एवं नगर चिन्हांकित किए गए हैं । इसके साथ ही वर्तमान के पाकिस्तान में स्थित तत्कालीन तक्षशिला में प्राचीन भारत का प्रभाव दर्शाया गया है ।

देशद्रोह का कानून निरस्त नहीं किया जा सकता ! – विधि आयोग

इस विवरण में आगे कहा गया है कि धारा ‘१२४ अ’ का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, इसलिए उसमें सरकार को आवश्यक टिप्पणियां देनी चाहिए । तथापि वह निरस्त करने से देश की अखंडता एवं सुरक्षा पर परिणाम हो सकता है ।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास ‘गवर्नर ऑफ द इयर’ पुरस्कार से सम्मानित !

दास ने वर्ष २०१८ में उनके पद संभालने से लेकर अभी तक अनेक बडे निर्णय लिए । २ सहस्त्र की नोट को चलन से पीछे लेने का निर्णय भी हाल ही में उन्हीं की अध्यक्षता में लिया गया ।

समान नागरिकता कानून दृष्टिक्षेप में : विधि आयोग द्वारा जनता की ओर से  मत मंगवाए !

देश में समान नागरिकता कानून लागू करने की हिन्दुओं की विगत अनेक वर्षों से मांग थी । वह अब पूरी होते नजर आ रही है । मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों को ३० दिनों में मत भेजने का आवाहन

मणिपुर में ईसाई कुकी आतंकियों द्वारा किए गए आक्रमण में ९ लोगों की मौत !

कुकी आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार को कडे कदम उठाने आवश्यक !

केंद्र सरकार द्वारा ३ प्रकार के ऑनलाईन खेल पर प्रतिबंध 

भारत में सट्टा पर आधारित, खेलनेवाले को हानिकारक एवं व्यसनाधीन बनानेवाले ३ प्रकार के ऑनलाईन खेल को अनुमति नहीं दी जाएगी ।

देहली विश्‍वविद्यालय के पाठ्यक्रम में ‘सावरकरजी का योगदान एवं दर्शन’ विषय सम्मिलित 

देश के लिए सर्वस्व त्याग करनेवाले स्वतंत्रतावीर सावरकरजी के विचार एक विश्‍वविद्यालय के पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता के ७५ वर्षों के उपरांत समाहित होना, यह सर्वदलीय राजनीतिज्ञों के लिए लज्जाजनक !

देहली में रात्रि के समय आश्रयगृहों में रहने वाले हिन्दुओं के धर्मांतरण का प्रयास 

मुसलमान कितना भी पढ लें, तो भी वे धर्मांध, आतंकवादी होते हैं और हिन्दुओं पर अत्याचार करते हैं, यह अभी तक अनेक घटनाओं से उजागर हुआ है । इस कारण ‘एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में लैपटॉप’ ऐसी कितनी भी घोषणाएं शासनकर्ताओं ने की, तो भी वस्तुस्थिति में कुछ भी बदलाव नहीं होगा, यह भी उतना ही सत्य है !

अधिवक्ता पुलिस और गवाहों के कारण देश के लगभग ३८% मुकदमे प्रलंबित |

अध्यात्मविहीन व्यवस्था के कारण किस प्रकार काम बिगडता है, इसका यह उत्तम परंतु लज्जास्पद उदाहरण !