समान नागरिकता कानून दृष्टिक्षेप में : विधि आयोग द्वारा जनता की ओर से  मत मंगवाए !

मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों को ३० दिनों में मत भेजने का आवाहन

नई देहली – देश में समान नागरिकता कानून लागू करने की हिन्दुओं की विगत अनेक वर्षों से मांग थी । वह अब पूरी होते नजर आ रही है । कर्नाटक उच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता में देश के २२ वें विधि आयोग द्वारा समान नागरिकता कानून के संदर्भ में जनता से मत मंगवाए हैं । इसके साथ ही  आयोग ने मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों को इस विषय में अपने मत भेजने का आवाहन किया है । नागरिक एवं धार्मिक संगठनों को अपने अपने मत ३० दिन के अंदर भेजना आवश्यक है ।

इससे पूर्व भी अर्थात २१ वें विधि आयोग ने भी ३ वर्ष पहले समान नागरिकता कानून के संदर्भ में अध्ययन किया था । तदुपरांत केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र के उपरांत विद्यमान विधि आयोग ने इस विषय में प्रक्रिया आरंभ की है ।

यदि देश में समान नागरिकता कानून लागू होता है, तो सभी नागरिकों के लिए विवाह, विवाह-विच्छेद, दत्तक लेना, वारसा एवं उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत प्रकरणों में समान न्याय मिलेगा ।