विश्वभर में युवा पीढी द्वारा शाकाहार लेने की मात्रा में वृद्धि ! – अमेरिकी संशोधन

विश्वभर में युवा पीढी की पसंद अब शाकाहार की ओर होने की बात सामने आई है । यह अच्छा संकेत है ।

कर्नाटक के एक ईसाई मिशनरी स्कूल में हिन्दू बच्चों को भोजन में दिया जा रहा गोमांस !

देश में शिक्षा के नाम पर धर्मांतरण के अपराध में लिप्त ईसाई मिशनरी स्कूलों पर प्रतिबंध लगाया जाए  !

कर्नाटक में गोमांस लेकर जानेवाले चारपहिए में श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं ने लगाई आग !

श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं को गोतस्कर दिखाई देते हैं, परंतु सभी साधन-सुविधाएं होते हुए भी पुलिस को क्यों नहीं दिखाई देते ? या पैसा लेकर पुलिस उनकी अनदेखी करती है ?

सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) यहां हनुमान मंदिर के पास फेंका गया गोमांस !

अन्य पंथों के प्रार्थना-स्थलों पर कभी किसी प्राणी का मांस नहीं फेंका जाता; परंतु हिन्दू मंदिरों में गोमांस फेंकने की घटनाएं बार-बार होती रहती हैं, इस विषय पर कभी धर्मनिरपेक्षतावादी क्यों नहीं बात करते ?

जमशेदपुर (झारखंड) के एक विद्यालय में मुस्लिम छात्राने हिन्दू छात्रा को खिलाया गोमांस !

शिकायत पर मुस्लिम छात्रा विद्यालय से निष्कासित !

गोहत्या करने वाले अकबर अली ने पुलिस थाने में जाकर किया समर्पण !

१० नवंबर २०२२ के दिन उसने गोहत्या की थी और वह भाग गया था । उसकी पत्नी को बंदी बनाया गया था जो अभी कारागृह में है । उनके पास से ८० किलो मांस जब्त किया गया था ।

शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) में हनुमान मंदिर के समीप अज्ञातों ने फेंंका गोमांस !

हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से रास्ता बंद आंदोलन !
पुलिस की व्यवस्था होने पर भी हुई घटना !

बिहार में गोतस्करों को पकडनेवाले गोरक्षकों पर चोरी का अपराध पंजीकृत किया जाता है ! – आचार्य चंद्र किशोर पाराशर, संस्थापक, अंतरराष्ट्रीय सनातन हिन्दू वाहिनी

गोतस्करी रोकते समय हम पर चोरी के अपराध लगाए जाते हैं । दुर्भाग्य से इस कार्य में हमारी सहायता के लिए जनता आगे नहीं आती । एक पशुवधगृह बंद होने पर उसे अन्य स्थान पर आरंभ किया जाता है,

मेरे गोमांस खाने पर भाजपा को आपत्ति नहीं !

मेघालय भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी का विधान
भाजपा द्वारा गोमांस प्रतिबंध न किए जाने का भी खुलासा !

देहली स्थित मंदिर के निकट गोहत्या के प्रकरण में मुसलमान युवक बंदी बनाया गया !

दिन में गोहत्या हो रही हो तथा पुलिस को इसकी जानकारी भी न हो, ऐसी पुलिस की क्या उपयोगिता ?