गोमांस और मांसाहार उद्योग स्वास्थ्य के साथ – साथ पर्यावरण के लिए भी हानिकारक होने के कारण शाकाहार में वृद्धि !
वाशिंगटन (अमेरिका) – अमेरिका में प्रतिदिन गोमांस का भक्षण करनेवाले कुल लोगों में से १२% लोग ५०% गोमांस खाते हैं । ये १२% लोग ५० से ६५ वर्ष आयु के हैं । दूसरी ओर अमेरिका सहित विश्वभर में युवा पीढी की पसंद अब शाकाहार की ओर होने की बात सामने आई है । यह अच्छा संकेत है । इसका कारण यह है कि गोमांस और मांसाहार उद्योग, यह स्वास्थ्य सहित पर्यावरण के लिए भी हानिकारक सिद्ध हो रहा है । ‘जर्नल न्यूट्रिएंट्स’ इस नियतकालिक में प्रकाशित एक अध्ययन में ‘सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन’ इस अमेरिकी संस्था के राष्ट्रीय स्वास्थ्य और पोषण परीक्षा सर्वेक्षण के आंकडों का विश्लेषण किया गया है । जिसमें उपर्युक्त निरीक्षण प्रविष्ट किया गया है ।
१. इस सर्वेक्षण के अनुसार २९ वर्ष से अल्प और ६६ वर्ष से अधिक आयु के लोगों में गोमांस खाने का प्रमाण अल्प होने की बात सामने आई है । जिसमें मौसम बदलाव के लिए उत्तरदायी गोमांस को प्रमुखता से युवा वर्ग द्वारा हाथ न लगाने का निष्पन हुआ ।
२. इस अध्ययन के लिए १० सहस्र से अधिक लोगों के आहार पर ध्यान रखा गया था ।
३. इस अध्ययन के अनुसार खतरनाक ‘ग्रीनहाउस वायु उत्सर्जन’ के लिए गोमांस उद्योग सबसे अधिक उत्तरदायी है । मुर्गी के मांस की अपेक्षा गोमांस का व्यवसाय १० गुना अधिक हानिकारक वायु का उत्सर्जन करता है । विश्वभर में प्रतिशत वर्ष खाद्यपदार्थों का उद्योग १७ अरब टन ग्रीनहाउस वायु का उत्सर्जन करता है ।
४. शोधकर्ताओं द्वारा किए अध्ययन के अनुसार विविध प्रकार के जानवरों के मांस खाने में चीन कुख्यात रहा है । ऐसा होते हुए भी मांस के इस व्यवसाय के संबंध में चीन भी पिछले कुछ वर्षों में सतर्क होने लगा है । स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहने वाले चीनी युवक शाकाहारी भोजन स्वीकार कर रहे हैं । केवल शंघाई शहर को देखें, तो वर्ष २०१२ में जहां केवल २९ शाकाहारी रेस्तरां थे , वर्ष २०२१ में यह संख्या १५० से अधिक हो गई है ।