श्री रामलला विराजमान !
रामभक्त जिस क्षण की विगत ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, उस क्षण का २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनट पर केवल देश के ही नहीं, अपितु समस्त विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया !
रामभक्त जिस क्षण की विगत ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, उस क्षण का २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनट पर केवल देश के ही नहीं, अपितु समस्त विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया !
इस अवसर पर इन दोनों उत्तराधिकारिणियों ने ‘श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के समारोह में सम्मिलित होने का अवसर मिला’, इस हेतु श्रीराम के प्रति कोटि-कोटि कृतज्ञता व्यक्त की ।
१५.१.२०२४ से सनातन संस्था के साधक ‘अयोध्या में श्रीराममंदिर के प्राणप्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्विघ्नता से संपन्न हो’, इसलिए प्रार्थना एवं अनुष्ठान कर रहे हैं ।’
‘श्रीराम मूर्ति प्रतिष्ठान केपहले प्रसारमाध्यम ‘शंकराचार्याें ने किया प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार !’, इस आशय के समाचार दिखा रहे थे। इसे देखते हुए मैं कुछ सूत्र आपके सामने रखना चाहता हूं । यदि संभव हो, तो इन सूत्रों को शांत मन से पढकर समझ लें ।
अयोध्या में श्री रामलला (बालक-रूप की श्रीराम की मूर्ति) की प्राणप्रतिष्ठा का समारोह भारत के, साथ ही संपूर्ण विश्व के हिन्दुओं के लिए यह अत्यंत आनंद का क्षण होगा । २२.१.२०२४ को दोपहर १२.३० बजे आकाश में स्थित ग्रहीय स्थिति का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण आगे दिया गया है
अयोध्या में होनेवाली श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की तिथि पर विभिन्न लोग आपत्ति जता रहे हैं । इस संदर्भ में वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविडजी ने इसका गणित बताकर प्राणप्रतिष्ठा हेतु २२ जनवरी २०२४ का दिन ही कैसे उचित है, यह बताया है ।
‘रामायण’ एक ऐतिहासिक ग्रंथ है । हिन्दुस्थान सांस्कृतिक, धार्मिक, वैज्ञानिक एवं आर्थिक, ऐसे सभी क्षेत्रों में सर्वाेच्च स्थान पर विराजमान एकमात्र देश था ।
श्री रामलला तंबू में होने से २३ वर्ष अविवाहित रहनेवाले तथा चप्पल न पहननेवाले बिहार के देबू दास !
श्रीराम मंदिर के कारण अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय श्रेणी का हवाई अड्डा, अच्छी सडकें, अच्छे होटल तथा अनेक मूलभूत सुविधाओं की निर्मिति हुई है । व्यापारियों के संगठन ने बताया है कि ‘श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के दिन ही ५० सहस्र करोड रुपए का निवेश हो सकता है’ ।
अयोध्या के श्रीराम मंदिर का उद्घाटन तथा श्री रामलला प्राणप्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से देश के विभिन्न भागों में ‘श्रीरामनामसंकीर्तन अभियान’ चलाया जा रहा है । उसी के अंतर्गत यहां के श्री सरियादेवी मंदिर के प्रांगण की स्वच्छता की गई ।