समारोह को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारीणियों की वंदनीय उपस्थिति !

यह तो रामराज्य का आरंभ ही है ! – श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी, सनातन संस्था

श्रीराम मंदिर के सामने खडी हुईं (बाएं से) श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी

रामलला का पुनः श्रीराम मंदिर में प्रतिष्ठापित होना, रामराज्य का आरंभ है ।’’ श्रीराम मंदिर में स्थापित मूर्ति के इस भव्य दिव्य प्राणप्रतिष्ठा समारोह में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी की वंदनीय उपस्थिति थी । ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास’ के महासचिव श्री. चंपत राय ने सनातन संस्था की इन दोनों आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणियों को सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया था ।

इस अवसर पर इन दोनों उत्तराधिकारिणियों ने ‘श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के समारोह में सम्मिलित होने का अवसर मिला’, इस हेतु श्रीराम के प्रति कोटि-कोटि कृतज्ञता व्यक्त की ।

कलियुगांतर्गत सत्ययुग की नवनिर्मिति के सूर्याेदय का आरंभ ! – श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने इस मंगल अवसर पर कहा, ‘‘आसेतुहिमालय से लेकर हिन्द सागर तक प्रत्येक व्यक्ति को एकात्मता के बंधन में बांधनेवाले श्रीराम एक अलौकिक राष्ट्रसूत्र हैं ! प्रत्येक व्यक्ति के मन में श्रीराम मंदिर का निर्माण होना न केवल धर्म की अधर्म पर विजय नहीं है, अपितु उसके साथ ही कलियुगांतर्गत सत्ययुग की नवनिर्मिति की, हिन्दुओं की अलौकिक ‘हिन्दू राष्ट्र निर्मिति’ की अर्थात ही स्वधर्माधिष्ठित स्वराष्ट्र, सर्वशक्तिसंपन्न, सुव्यवस्थाप्रधान, सर्व सुविधाओं से युक्त, सुखी, समृद्ध एवं सुसंस्कृत सुराज्य के सूर्याेदय का आरंभ है ।’’