पंजाब में एक सिख युवक ने भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों पर रखी चप्पल !

वर्तमान में सिख समाज ‘सिख’ को भिन्न धर्म मानता हैं; परंतु, वास्तव में वह हिन्दू धर्म का ही एक हिस्सा है । भारत में खलिस्तानवाद तीव्रता से बढने पर सिखों द्वारा हिन्दुओं का द्वेष करना, उनके श्रद्धास्थानों पर आघात करने, जैसे प्रकरण बढ गए हैं ।

राजस्थान में घरों पर धार्मिक ध्वज फहराने पर प्रतिबंध !

राजस्थान की काँग्रेस सरकार का हिन्दूद्रोही निर्णय
ब्रिटिशों के समय जैसे प्रतिबंध लगाए गए थे, उसी प्रकार के प्रतिबंध अब काँग्रेस सरकार लगा रही है, यह ध्यान में लें !  

…तो श्री राम, श्रीकृष्ण की जयंती पर छुट्टी क्यों नहीं ?

हिन्दुओं को लगता है कि, ऐसा प्रश्न निर्माण होने के पूर्व ही केंद्र की भाजपा सरकार को इस दिशा में प्रयास करने चाहिए थे ! कम से कम अब तो प्रयास किए जाएंगे, ऐसी अपेक्षा है !

जिहादी द्वारा गोरखनाथ मंदिर पर हंसिए से आक्रमण !

प्रखर हिंदुत्वनिष्ठ तथा उत्तरप्रदेशचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस मंदिर के महंत हैं । उसके कारण यह मंदिर हिन्दुत्व का केंद्र है । वह हिन्दुओं की अस्मिता का प्रतीक बन गया है । उसके कारण ही यह जिहादियों की आंखों में चुभता है ।

हलाल मांस का बहिष्कार करने का आवाहन करने वालों पर कार्यवाही करेंगे ! – गृहमंत्री ज्ञानेंद्र

‘हलाल मांस’ यह भारतीय संस्कृति में आता है क्या ? इसका बहिष्कार करने की मांग करने वालों की भूमिका सरकार को समझकर लेनी चाहिए, ऐसी ही जनता की अपेक्षा है !

(कहते हैं) ‘द कश्मीर फाईल्स’ चलचित्र के द्वारा गंगा – जमुनी संस्कृति को तोडने का काम हो रहा है !

इस देश में तथाकथित गंगा- जमुनी संस्कृति के नाम पर अभी तक हिन्दुओं पर अत्याचार करने का काम हुआ और आज भी हो रहा है । हिन्दुओं को धर्माधों की ऐसी फंसाने वाली बातें समझकर, उन्हें सत्य गंभीरता से समझाना चाहिए !

(कहते हैं) ‘यह कहा जा रहा है कि, राष्ट्रवादी होने के लिए हिन्दू होना अनिवार्य है !’

भारत में रहते हुए, कश्यप ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहने वालों के संबंध में बोलने के लिए कभी अपना मुंह नहीं खोला । भारतीय जनता को इसी से पता चलता है कि, कौन राष्ट्रवादी है और कौन देशद्रोही !

‘ईसाई संस्थाओं ने ही सामाजिक न्याय दिलाया तथा प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा उपलब्ध करवाई !’ – एम अप्पावू, विधानसभा अध्यक्ष, तमिलनाडू

ईसाई संस्थाओं ने ही हिन्दुओं का धर्मांतर कर समाज में फूट डालने का प्रयास किया, साथ ही शिक्षा के नाम पर छात्रों का वैचारिक धर्मांतर किया।

वापी (गुजरात) स्थित ईसाई मिशनरी के विद्यालय में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगानेवाले दो हिन्दू छात्रों को विद्यालय से बाहर निकाल देने की धमकी !

गुजरात में भाजपा की सरकार होते हुए भी ईसाई मिशनरी ऐसा कृत्य करने का साहस कैसे कर सकती है ? ऐसा प्रश्न हिन्दुओं के मन में आता है !

राजस्थान में अध्यापिका में छात्रों में वितरित हिन्दूद्वेषी पुस्तक ‘हिन्दुइज्म : धर्म या कलंक’ !

पुस्तक में हिन्दुओं की देवताओं की घिनौनी भाषा में आलोचना जांच के आदेश राजस्थान में हिन्दूविरोधी कांग्रेस की सरकार होने के कारण क्या ऐसी हिन्दूद्वेषी अध्यापिका की जांच होकर उसे दंड मिलेगा ?, यह प्रश्न ही है ! – संपादक ऐसी अध्यापिकाएं छात्रों के सामने कौनसा आदर्श रखेंगी ? – संपादक      भीलवाडा (राजस्थान) … Read more