‘ईसाई संस्थाओं ने ही सामाजिक न्याय दिलाया तथा प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा उपलब्ध करवाई !’ – एम अप्पावू, विधानसभा अध्यक्ष, तमिलनाडू

  • ईसाई संस्थाओं ने ही हिन्दुओं का धर्मांतर कर समाज में फूट डालने का प्रयास किया, साथ ही शिक्षा के नाम पर छात्रों का वैचारिक धर्मांतर किया। तमिलनाडू के विधानसभा अध्यक्ष द्वारा ऐसे लोगों का उदात्तीकरण करना उनका वैचारिक दिवालियापन ही है ! – संपादक
  • तमिलनाडू में हिन्दूद्वेषी द्रमुक सरकार सत्ता में होने के कारण वहां धर्मांध इसाईयों का इस प्रकार सरकारी स्तर पर उदात्तीकरण हुआ, तो कोई आश्चर्य नहीं ! – संपादक
तमिलनाडू के विधानसभा के अध्यक्ष एम अप्पावू

चेन्नई – सत्ताधारी द्रमुक के (द्रविड मुनेत्र कळघम के अर्थात द्रविड प्रगति संघ के) विधायक तथा विधानसभा के अध्यक्ष एम अप्पावू तिरुनेलवेली के पल्ल्यामकोट्टई स्थित सेंट जेवियर महाविद्यालय के एक पुरस्कार समारोह में सम्मिलित हुए थे । इस कार्यक्रम में उन्हों ने कहा, ‘इसाई संस्थाओं ने ही समाज को द्रविड विचार पद्धति सिखाई, सामाजिक न्याय दिलाया तथा सभी को शिक्षा उपलब्ध करवाई । द्रमुक सत्ता में आने के पश्चात मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्रियों तक, द्रमुक के कुछ लोगों ने पार्टी को सत्ता में लाने हेतु योगदान दिया है; बारंबार ऐसा वक्तव्य दिया है । ऐसा कहा जा रहा है, कि अप्पावू का यह वक्तव्य ईसाईयों की चापलूसी करने हेतु ही किया गया है ।

द्रमुक द्वारा ईसाईयों की निरंतर चापलूसी !

कुछ दिन पूर्व ‘चर्च ऑफ साउथ इंडिया’ के स्थापना दिवस समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने कहा था, ‘यह सरकार आपके (ईसाईयों के ) बल पर स्थापित हुई है ।’ कुछ दिन पूर्व ए.जी. चर्च द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दुग्धविकास मंत्री एस. एम. नासार ने कहा था, कि इसाई समुदाय द्वारा की गई प्रार्थना की शक्ति के बल पर ही द्रमुक सत्ता में आया ।’