वापी (गुजरात) स्थित ईसाई मिशनरी के विद्यालय में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगानेवाले दो हिन्दू छात्रों को विद्यालय से बाहर निकाल देने की धमकी !

हिन्दुत्वनिष्ठों के विरोध के पश्चात विद्यालय प्रशासन द्वारा क्षमायाचना

  • गुजरात में भाजपा की सरकार होते हुए भी ईसाई मिशनरी ऐसा कृत्य करने का साहस कैसे कर सकती है ? ऐसा प्रश्न हिन्दुओं के मन में आता है ! – संपादक

 

  • ऐसे ईसाई विद्यालयों पर सरकार को कठोर कार्रवाई करना आवश्यक है, तभी उनको भय होगा ! – संपादक
हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता

वापी (गुजरात) – यहां के सेंट मेरी नामक ईसाई मिशनरी के विद्यालय में दो छात्रों द्वारा ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने से विद्यालय प्रशासन ने उन दोनों को विद्यालय से बाहर निकाल देने की धमकी दी । इस कारण संतप्त छात्रों के अभिभावकों एवं हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मिलकर विद्यालय में जाकर इस कृत्य का विरोध किया एवं इस समय उन्होंने भी ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए । तदुपरांत विद्यालय प्रशासन ने अभिभावकों एवं हिन्दू कार्यकर्ताओं से क्षमा मांगी ।

लिखित रूप में क्षमायाचना

१. ९ वीं कक्षा में पढनेवाले इन दो छात्रों ने एक-दूसरे को अभिवादन करने के लिए ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए । इस पर विद्यालय के प्रशासन ने विद्यालय के नियमों का उल्लंघन किया है, ऐसे कहा तथा इन दोनों को घुटने पर बिठाकर क्षमा मांगने को बाध्य किया था । उनसे से लिखित रूप में भी क्षमायाचना ली ।

२. इस घटना के संदर्भ में यहां के हिन्दुत्वनिष्ठ सुशील यादव ने कहा, कि ऐसी घटनाएं इससे पहले भी हुई हैं । श्रावण मास में यदि हिन्दू छात्र कलाई पर लाल रंग का धागा बांधकर विद्यालय जाते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाती है ।