श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने सप्तर्षियों की आज्ञा से तमिलनाडु के ‘कुंभकोणम्’ क्षेत्र के निकट कावेरी नदी के तट पर बसे ७ शिवमंदिरों के किए दर्शन !

इन ७ शिवमंदिरों में परंपरागत उत्सवों में जाने से श्रद्धालुओं के मनोरथ पूर्ण होते हैं । कुछ श्रद्धालु सप्त शिवमंदिरों के दर्शन का संकल्प लेकर मनौती मांगते हैं । अनेक ग्रामवासी मन में भिन्न-भिन्न संकल्प कर शिवमंदिरों में जाते हैं ।

समारोह को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारीणियों की वंदनीय उपस्थिति !

इस अवसर पर इन दोनों उत्तराधिकारिणियों ने ‘श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के समारोह में सम्मिलित होने का अवसर मिला’, इस हेतु श्रीराम के प्रति कोटि-कोटि कृतज्ञता व्यक्त की ।

श्रीराम मंदिर के निर्माण-कार्य में सनातन संस्था का आध्यात्मिक सहभाग !

१५.१.२०२४ से सनातन संस्था के साधक ‘अयोध्या में श्रीराममंदिर के प्राणप्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्विघ्नता से संपन्न हो’, इसलिए प्रार्थना एवं अनुष्ठान कर रहे हैं ।’

Sanatan Sanstha At Ram Mandir : रामलला का पुन: राममंदिर में प्रतिष्ठापित होना रामराज्य का आरम्भ ! – श्रीसत्शक्ति (सौ.) बिंदा निलेश सिंगबाल, सनातन संस्था

कलियुगांतर्गत सतयुग की नवनिर्मिति के सूर्योदय का उगम ! – श्रीचित्शक्ति (सौ.) अंजलि मुकुल गाडगिल

अयोध्या में श्रीराम की प्राणप्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में सनातन के गुरुओं का संदेश

प्रभु श्रीराम के काल में संपूर्ण प्रजा धर्मपालक तथा रामभक्त थी; इसलिए उसे श्रीराम जैसे धर्मपालक राजा एवं रामराज्य मिला । भारत को भी पुनः रामराज्य का गतवैभव प्राप्त कराने हेतु हिन्दू समाज को धर्मपालन एवं रामभक्ति कर आध्यात्मिक बल बढाना होगा ।

अयोध्या स्थित राम मंदिर निर्माण की दिव्य घटना !!

ये रामनामधारी शिलाएं ‘अयोध्या में राममंदिर बनाने के साथ साधकों के मन में आत्माराम की स्थापना हो, अखिल भारत भूमि राममय हो’, इस संकल्प की वाहक हैं ।

सप्तर्षियों की कृपा प्राप्त करनेवालीं तथा बडी सहजता से ‘विश्वकार्य’ के स्तर तक पहुंचनेवालीं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी !

अभी तक श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने आध्यात्मिक क्षेत्र में बहुत बडा कार्य किया है तथा इसके आगे भी उनके द्वारा बहुत बडा अद्वितीय एवं दैवीय कार्य होनेवाला है !

ईश्वर से सनातन को मिला एक अनमोल वरदान श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी !

देवताओं के दर्शन करते-करते सप्तर्षियों एवं सच्चिदानंद परब्रह्म गुरुदेवजी की कृपा से श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी में विद्यमान देवीतत्त्व प्रकट होने लगा है । समाज के अनेक लोग उनकी ओर आकृष्ट होते हैं । उनका ‘तेजस्वी मुखमंडल’ ही अब उनकी पहचान बन चुका है ।

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी की आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण !

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने गुरुकृपायोग के अनुसार साधना कर तीव्र गति से आध्यात्मिक उन्नति साध्य की । इस लेख में उनकी जन्मकुंडली में समाहित आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण किया गया है ।

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी के माध्यम से साक्षात आदिशक्ति जगदंबा पृथ्वी पर वास कर रही हैं ! – सप्तर्षि

भक्त अपने-अपने भावानुसार, अनुभूति अनुसार, साधनामार्गानुसार भगवान का वर्णन करता है  ! भगवान का प्रत्यक्ष रूप कैसा है ?, इसका केवल वेद, उपनिषद में ही वर्णन मिलता है । उसी प्रकार अवतारों की भी महिमा है ।