कनाडा में चुनाव हुआ, तो जस्टिन ट्रुडो की होगी पराजय !
‘इप्सोस’ के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी डैरेल ब्रिकर ने कहा कि कनाडा में कंजर्वेटिव दल की सरकार स्थापित हो सकती है । इस सर्वेक्षण से ध्यान में आता है कि देश की दिशा के कारण असंतोष है ।
‘इप्सोस’ के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी डैरेल ब्रिकर ने कहा कि कनाडा में कंजर्वेटिव दल की सरकार स्थापित हो सकती है । इस सर्वेक्षण से ध्यान में आता है कि देश की दिशा के कारण असंतोष है ।
वे ‘हिन्दी दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में इस प्रकार का विष-वमन (जहर उगलना) कर रहे थे । चंद्रशेखर ने इससे पूर्व भी श्रीरामचरितमानस की आलोचना की थी । साथ ही एक कार्यक्रम में मुहम्मद पैगंबर को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहा था ।
गुनहगार जनप्रतिनिधि जनता क्या कभी कानून का शासन दे पाएंगे ? ऐसे लोगों को चुनाव में खडे रहने का अवसर देना, अर्थात समाज में अराजक फैलाने की अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) देने समान है ! यह लोकतंत्र का पराभव है !
चीन के इस प्रकल्प का भारत सहित संसार के अनेक देशाें ने विरोध किया है, तथा कुछ देश अब इस प्रकल्प से बाहर भी निकल रहे हैं ।
जो व्यक्ति सनातन धर्म से इतनी घृणा करता है, वह इस योग्य भी नहीं है कि किसी मंदिर की सीढियों पर उसके छायाचित्र लगाए जाएं !
यह सर्वविदित है कि द्रमुक सनातन द्वेषी है तथा इसका जन्म ही सनातन द्वेष की भावना से हुआ है | इसमें कोई संदेह नहीं कि आगामी चुनाव में सनातन धर्मावलंबी ऐसे गठबंधन को राजनीतिक रूप से नष्ट कर देंगे ! यह एक बार पुन: सिद्ध हो जाएगा कि जो लोग सनातन को नष्ट करने की वार्ता करते हैं वे स्वयं ही समाप्त हो जाते हैं !
सनातन धर्म नष्ट करने के लिए हम पर १ सहस्र वर्ष तक निरंतर आक्रमण हुए; परंतु हमारे पूर्वज सक्षम थे, उन्होंने अपने बल पर भारत की संस्कृति एवं सनातन धर्म की रक्षा की ।
इसी बघनखा द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज ने उनसे धोखा करने वाले अफजलखान की आंतें बाहर निकाली थीं ।
हम अत्यंत लज्जा अनुभव करते हैं कि हमारे (पाकिस्तान के) परमाणु हथियार से संपन्न होने पर भी भारत ने हमें इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया; किंतु बांग्लादेश को आमंत्रित किया है ।
राजधानी देहली के ‘भारत मंडपम’ इस भव्य सभागृह में ‘जी-२०’ शिखर परिषद का प्रारंभ होने वाला है । दो दिवसीय इस परिषद में २८ देशों के प्रमुख और यूरोपीय यूनियन के प्रमुख उपस्थित रहने वाले हैं ।