(और इनकी सुनिए…) श्रीरामचरितमानस में ‘पोटैशियम साइनाईड’ (घातक विष) है ! – प्रा. चंद्रशेखर, शिक्षामंत्री, बिहार

बिहार के शिक्षामंत्री प्रा. चंद्रशेखर का अपमानजनक वक्तव्य !

(पोटैशियम साइनाईड एक प्रकार का विष है, जिसे जिव्हा पर रखते ही मनुष्य की मौत हो जाती है ।)

पाटलीपुत्र (बिहार) – बिहार में जनता दल (संयुक्त) एवं राष्ट्रीय जनता दल की सरकार के शिक्षामंत्री प्रा. चंद्रशेखर ने श्रीरामचरितमानस ग्रंथ की तुलना ‘पोटैशियम साईनाईड’ विष से की है । वे ‘हिन्दी दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में इस प्रकार का विष-वमन (जहर उगलना) कर रहे थे । चंद्रशेखर ने इससे पूर्व भी श्रीरामचरितमानस की आलोचना की थी । साथ ही एक कार्यक्रम में मुहम्मद पैगंबर को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहा था ।

प्रा. चंद्रशेखर ने कहा है, ‘श्रीरामचरितमानस में ‘पोटैशियम साईनाईड’ है तथा जब तक श्रीरामचरितमानस रहेगा, तब तक मैं उसका विरोध करता रहूंगा । यदि आप ५५ प्रकार के व्यंजन परोसते हैं एवं उसमें थोडा सा ‘पोटैशियम साइनाईड’ मिला दिया जाए, तो क्या आप भोजन कर सकेंगे ? मेरे वक्तव्य के कारण मेरी जिव्या काटने के लिए १० करोड रुपए का पुरस्कार घोषित किया जाएगा । यदि मेरी जिव्हा करोडों रुपए की है, तो गरदन कितने करोड रुपए की होगी ?

यदि प्रा. चंद्रशेखर को समस्या है, तो वे धर्मांतरण कर लें ! – भाजपा

भाजपा के प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रा. चंद्रशेखर के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा ,‘प्रा. चंद्रशेखर श्रीरामचरितमानस पर निरंतर अनर्गल बकवास कर रहे हैं । क्या यह बकवास मुख्यमंत्री नितीश कुमार को सुनाई नहीं दे रही है ? नितीश कुमार निरंतर सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं । यदि उनके मंत्री को सनातन धर्म के विषय में समस्या है, तो वे धर्मांतरण कर सकते हैं ।

जनता दल (यूनाइटेड) प्रा. चंद्रशेखर के वक्तव्य से बिलकुल अलग (‘यूटर्न’) !

सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) ने अपनी सरकार के शिक्षामंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के विधायक प्रा. चंद्रशेखर के श्रीरामचरितमानस के वक्तव्य पर ‘यूटर्न’ लिया है । दल के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, ‘जिनको श्रीरामचरितमानस में पोटैशियम साइनाईड दिखाई देता हो, वे अपनी विचारधारा स्वयं तक ही सीमित रखें, उसे पार्टी अथवा ‘इंडिया’ गठबंधन पर थोपने का प्रयास न करें । हम सभी धर्म एवं धार्मिक ग्रंथों का सम्मान करते हैं । कुछ लोग प्रसारमाध्यमों में चमकने के लिए इस प्रकार के वक्तव्य देते रहते हैं ।’

संपादकीय भूमिका 

 प्रा. चंद्रशेखर अन्य धर्मियों के धर्मग्रंथों का इस तरह अपमान करने का साहस नहीं करेंगे ; क्योंकि उसके परिणाम क्या होंगे ?, यह वे अच्छी तरह जानते हैं !