दोषी नेताओं को चुनाव लडने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाए !

गुनहगार जनप्रतिनिधि जनता क्या कभी कानून का शासन दे पाएंगे ? ऐसे लोगों को चुनाव में खडे रहने का अवसर देना, अर्थात समाज में अराजक फैलाने की अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) देने समान है ! यह लोकतंत्र का पराभव है !

नेपाल चीन की महामार्ग परियोजना में सम्मिलित होने की तैयारी में !

चीन के इस प्रकल्प का भारत सहित संसार के अनेक देशाें ने विरोध किया है, तथा कुछ देश अब इस प्रकल्प से बाहर भी निकल रहे हैं ।

मंदिर की सीढियों पर लगाए उदयनिधि के छायाचित्र !

जो व्यक्ति सनातन धर्म से इतनी घृणा  करता है, वह इस योग्य भी नहीं है कि किसी मंदिर की सीढियों पर उसके छायाचित्र लगाए जाएं !

सनातन धर्म को नष्ट करने के लिए ‘ इंडिया ‘ गठबंधन की स्थापना की गई है !

यह सर्वविदित है कि द्रमुक सनातन द्वेषी है तथा इसका जन्म ही सनातन द्वेष की भावना से हुआ है | इसमें कोई संदेह नहीं कि आगामी चुनाव में सनातन धर्मावलंबी ऐसे गठबंधन को राजनीतिक रूप से नष्ट कर देंगे ! यह एक बार पुन: सिद्ध हो जाएगा कि जो लोग सनातन को नष्ट करने की वार्ता करते हैं वे स्वयं ही समाप्त हो जाते हैं !

सनातन धर्म के विरुद्ध बोलनेवालों की जिव्हा एवं आंखें नोच लेंगे !

सनातन धर्म नष्ट करने के लिए हम पर १ सहस्र वर्ष तक निरंतर आक्रमण हुए; परंतु हमारे पूर्वज सक्षम थे, उन्होंने अपने बल पर भारत की संस्कृति एवं सनातन धर्म की रक्षा की ।

मुख्यमंत्री इंग्लैंड जाकर ‘बघनखा प्रत्यर्पण’ समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे !

इसी बघनखा द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज ने उनसे धोखा करने वाले अफजलखान की आंतें बाहर निकाली थीं ।

परमाणु हथियार से संपन्न होने पर भी ‘जी-२०’ सम्मेलन में आमंत्रित न करना लज्जास्पद !

हम अत्यंत लज्जा अनुभव करते हैं कि हमारे (पाकिस्तान के) परमाणु हथियार से संपन्न होने पर भी भारत ने हमें इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया; किंतु बांग्लादेश को आमंत्रित किया है ।

देहली में आज से ‘जी-२०’ परिषद !

राजधानी देहली के ‘भारत मंडपम’ इस भव्य सभागृह में ‘जी-२०’ शिखर परिषद का प्रारंभ होने वाला है । दो दिवसीय इस परिषद में २८ देशों के प्रमुख और यूरोपीय यूनियन के प्रमुख उपस्थित रहने वाले हैं ।

(और इनकी सुनिए …) ‘मंदिर में कुछ लोगों को शर्ट उतार कर प्रवेश देना, अमानवीय प्रथा है ।‘ देवता के सामने सब समान होते हैं । – कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या

शास्त्र, प्रथा-परंपरा के विषय में बिलकुल अज्ञानी तथा हिन्दु धर्म पर विश्वास न रखनेवाले ही ऐसे वक्तव्य दे सकते हैं ! ऐसे लोगों की ओर कौन ध्यान देगा ?

संसद के विशेष सत्र का विषय नहीं बताया, इसलिए सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री को पत्र

पत्र में उन्होंने कहा है, ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों की इच्छा है कि वे आपका सहयोग करें । परंतु ‘इस विशेष सत्र का कारण क्या है’, उस संदर्भ में विरोधी दलों को बताना चाहिए, तो हम उस संदर्भ में निर्णय ले सकेंगे ।