CM Yogi Warned : लडकियों को छेडा, तो ‘राम नाम सत्य है’ होगा ! – योगी आदित्यनाथ 

राज्य में स्थान स्थान पर सी.सी.टीवी कैमरे लगाए गए हैं ।

Maulana Tauqeer Raza : ज्ञानवापी को ‘बलिदान’ नहीं होने देंगे ! – मौलाना तौकीर रजा खां

ज्ञानवापी के स्थान पर एक भव्य शिव मंदिर हुआ करता था और उसे ध्वस्त कर वहां मस्जिद बनाई गई, यही वास्तविक इतिहास है और वर्तमान में भी यह प्रत्यक्ष सिद्ध हुआ है।

मेरठ (उत्तर प्रदेश) में पाकिस्तान को गोपनीय जानकारी देनेवाले सुरक्षा अधिकारी को बनाया गया बंदी

ऐसे लोगों को तत्परता से कठोर दंड देने से ही अन्यों को इसका धाक रहेगा !

सर्वेक्षण के पश्चात पुरातत्व विभाग ने पहली ही बार बनाया ज्ञानवापी का वास्तविक मानचित्र ! (ASI Makes Gyanvapi Map)

‘इतिहास में प्रथम ही बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ज्ञानवापी का स्पष्ट मानचित्र बनाया है, ऐसा हम निश्चित कह सकते हैं ।’ – सर्वेक्षण शास्त्रज्ञ

औरंगजेब ने मथुरा का श्रीकृष्ण मंदिर गिराकर मस्जिद का निर्माण किया !

यदि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को ज्ञात है, तो यह भूमि हिन्दुओं को देने के लिए विभाग स्वयं प्रयास क्यों नहीं करता ?

Puja Started At Gyanvapi : ज्ञानवापी के ‘व्यास’ तलघर में रात्रि से पूजा-अर्चना प्रारंभ !

तलघर में काशी विश्वनाथ का मंदिर है। यह एक स्वयंभू मंदिर था और रहेगा। यदि आप इसे ढक भी दें तो भी यह एक मंदिर ही है। – जितेंद्र नाथ व्यास

अयोध्या में मुसलमान श्रद्धालुओं ने किए श्रीरामलला के दर्शन !

दीर्घ प्रतीक्षा के उपरांत यहां भव्य एवं दिव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ है तथा गर्भगृह में श्रीरामलला विराजमान हुए हैं । मुसलमान श्रद्धालु भी श्रीरामलला के दर्शन के लिए वहां पहुंचे हैं ।

श्री रामलला विराजमान !

रामभक्त जिस क्षण की विगत ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, उस क्षण का २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनट पर केवल देश के ही नहीं, अपितु समस्त विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया !

समारोह को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारीणियों की वंदनीय उपस्थिति !

इस अवसर पर इन दोनों उत्तराधिकारिणियों ने ‘श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के समारोह में सम्मिलित होने का अवसर मिला’, इस हेतु श्रीराम के प्रति कोटि-कोटि कृतज्ञता व्यक्त की ।

Kashi Vaidik Education : काशी में दक्षिण भारत का सबसे बडा वेद विद्या का केंद्र निर्माण किया जाएगा ! – वी. एस. सुब्रह्मण्यम

मणि ने आगे कहा कि, इस केंद्र में २ योजनाओं के अंतर्गत वेदविद्या पढाई जाएगी । पहली पूर्णसमय वेद विद्या योजना होगी ।