अलवर (राजस्थान) में चिरंजीलाल की धर्मांध कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा ‘सामूहिक हत्या’ की गई !
नूह (हरियाणा) के ‘पहलू खान’ अथवा दादरी (उत्तर प्रदेश) के ‘अकलाख’ की कथित रूप से हत्या करने का आरोप लगाते हुए, आकाश-पाताल एक करने वाले धर्मनिरपेक्षतावादियों का समूह अब चुप क्यों है ? क्या वे यह कहना चाहते हैं कि ‘चिरंजीलाल हिन्दू हैं और हत्यारे कट्टर मुसलमान हैं’, तो यह हत्या योग्य है’?