भरतपुर (राजस्थान) – यहां आदिबद्री धाम एवं कनकाचल क्षेत्र के अवैध खनन प्रकरण में साधु-संतों एवं ग्रामीणों के ५५० दिन आंदोलन करने के पश्चात सरकार ने इस क्षेत्र को ‘वनक्षेत्र’ घोषित करने का आश्वासन दिया है । इससे एक दिन पूर्व एक ६५ वर्षीय संत विजय दासजी ने आंदोलन के समय आत्मदाह करने का प्रयास किया था । उसमें वे ८० प्रतिशत जल चुके थे । अंततः २३ जुलाई को देहली के अस्पताल में उपचार के समय उनकी मृत्यु हो गई ।
बीजेपी से इस प्रकरण में समाविष्ट लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग हो रही है ।
संपादकीय भूमिकासंतों की मृत्यु के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार ही उत्तरदायी है । इसके लिए वे कितना भी कठोर प्रायश्चित क्यों न लें, वह अल्प ही है । अब जनता को कांग्रेस सरकार को सत्ता से हटाना चाहिए ! |