बिहार की सत्ताधारी जनता दल (संयुक्त) और भाजपा का गठबंधन समाप्त !

पिछले कुछ दिनों से गठबंधन टूटने की संभावना व्यक्त की जा रही थी । नितीश कुमार ने उनके पक्ष के सभी सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई थी । इसके उपरांत उन्होंने उपर्युक्त घोषणा की ।

देश के सर्व प्रादेशिक दल समाप्त होंगे होंगे : केवल भाजपा ही शेष रहेगा !

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश (जे.पी.) नड्डा बिहार में भाजपा के १४ जनपद कार्यशालाओं के अनावरण करने हेतु आए थे । उस समय उन्होंने वक्तव्य दिया कि भाजपा के विरुद्ध लडनेवाला एक भी राष्ट्रीय दल आज शेष नहीं रहा है । अपनी वास्तविक लडाई परिवारवाद के विरुद्ध है ।

बिहार के १५ सहस्र मुसलमान युवकों को देश में अराजकता निर्माण करने हेतु दिया शस्त्र-अस्त्र का प्रशिक्षण !

पता नहीं ऐसे लोगों से होनेवाले अक्रमण रोकने के लिए सरकार उनपर कार्रवाई कब करेगी ? और उन्हें शिक्षा कब देगी ?

बिहार सरकार ने ‘शुक्रवार’ को अवकाश देनेवाले विद्यालयों की सूची मांगी है !

सूची मांगने की अपेक्षा इस प्रकार अवकाश दिया जाना नियमों का उल्लंघन है, यह बताकर संबंधित लोगों पर कार्यवाही कर पुनः रविवार को अवकाश देने का निर्देश देना अपेक्षित है !

औरंगाबाद (बिहार) में १०६ विद्यालयों में रहता है ‘शुक्रवार’ को अवकाश !

बिहार की गंठबंधन सरकार में भाजपा के सहयोगी होते हुए इस प्रकार से शुक्रवार का अवकाश कैसे रहता है ?, ऐसा प्रश्न हिन्दुओं के मन में निर्माण हो रहा है !

बिहार के सीमांचल क्षेत्र के ५०० से अधिक सरकारी विद्यालयों में रविवार के स्थान पर शुक्रवार को अवकाश !

झारखंड और बिहार ये राज्य भारत में है कि पाकिस्तान में ? अब ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हिन्दुओं को भी धार्मिक दिनों के अनुसार अवकाश देने की मांग करनी चाहिए !

हाजीपुर (बिहार) में साधुओं का वेश परिधान कर भिक्षा मांगनेवाले ५ मुसलमान युवकों को बजरंग दल ने पकडा !

साधुओं का वेश परिधान कर भिक्षा मांगने का प्रयास किया जा रहा है, अथवा कुछ षड्यंत्र रचने का ? पुलिस को छानबीन कर इसका पता लगाना चाहिए । साथ ही ऐसे लोगों को आजीवन कारावास का दंड दिया जाए !

‘भारत में पकडे जाने वाले पाकिस्तान के सभी एजेन्ट हिन्दू होते हैं और उनका संबंध संघ से होता है !’

‘जगदानंद सिंह का पाक से क्या संबंध है, इसी की जांच करने की आवश्यकता है’, ऐसा किसी के कहने पर आश्चर्य न हो !

किशनगंज (बिहार) में १९ पाठशालाएं रविवार की अपेक्षा ‘शुक्रवार’ के दिन बंद !

हिन्दु बहुसंख्यक होते हुए भी उन्होंने पिछले ७५ वर्षाें में धर्म के आधार पर इस प्रकार का कोई भी निर्णय नहीं अपनाया है । किंतु जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं, वहां त्वरित उनके धर्मानुसार इस प्रकार का निर्णय अपनाया जाता है । हिन्दू यह बात ध्यान में रखें, वही सुदिन होगा !