देवताओं के चित्र फाड दिए, देश-विरोधी घोषणाएं करने को बाध्य किया !
कश्मीर के मुसलमान छात्रों की यह हिन्दुद्वेषी एवं भारत-विरोधी मानसिकता को देखते हुए, कश्मीर का जिहादी आतंकवाद आने वाले अनेक वर्षों तक समाप्त नहीं होगा, यही स्पष्ट होता है !
कश्मीर के मुसलमान छात्रों की यह हिन्दुद्वेषी एवं भारत-विरोधी मानसिकता को देखते हुए, कश्मीर का जिहादी आतंकवाद आने वाले अनेक वर्षों तक समाप्त नहीं होगा, यही स्पष्ट होता है !
मुसलमान हिंसाचार कर रहे हैं; तो उनके अर्थार्जन के साधनों पर भी प्रतिबंध लगाया जाए, ऐसी मांग कोई करे तो इसमें गलत क्या है ?
लोगों का यह भी मानना है कि बिना अनुमति के सडकों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ कर नागरिकों के लिए बाधा उत्पन्न करने पर भी न्यायालय को आदेश पारित करना चाहिए !
किसी की हत्या करने की हमारी सरकार की नीति नहीं; लेकिन यदि कनाडा हमारे साथ कुछ जानकारी का लेनदेन करने के लिए तैयार होगा, तो हम इस पर विचार करने के लिए तैयार हैं ।
ब्रिटिश सरकार को खालिस्तानियों पर कठोर कार्यवाही करने के लिए तत्परता से कदम उठाना आवश्यक है, यही इस घटना से ध्यान में आता है !
जो आतंकवाद एवं अलगाववाद की भाषा बोलते हैं, वे गिने-चुने लोग ही हैं । उन पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए । ऐसा नहीं समझा जाना चाहिए कि अलगाववादियों के विचार सभी सिक्ख समाज के हैं !
स्वयं के धर्म की महिलाओं को बुरके में रखनेवालों को ऐसा लगे, तो इसमें क्या आश्चर्य ? इस प्रकार महिलाओं का अनादर करनेवाले एवं उनकी क्षमता पर प्रश्न उठानेवाले सिद्दीकी पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए !
इससे यह ध्यान में आता है कि भारत विरोधी कार्रवाइयां करने के लिए यदि अल्पसंख्यक समाज एकत्रित हों, तो भारत के सभी हिन्दुओं को संगठित होकर शीघ्रतिशीघ्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी जाहिए !
हिन्दुओं की शोभायात्राओं पर इस प्रकार निरंतर आक्रमण होना, ‘इससे यह स्पष्ट होता है कि यह देश मुसलमानों के लिए नहीं, अपितु हिन्दुओं के लिए ही असुरक्षित हो गया है ।
हिन्दुओं पर आक्रमण कर दंगे करनेवाले कट्टरपंथियों के पीछे सदैव कांग्रेस का हाथ रहता है, विभाजन के समय से ही यह इतिहास रहा है । मामन खान की बंदी से यह पुनः दिखाई दे रहा है ।