तापी (गुजरात) के एक पादरी को अवयस्क युवती पर बलात्कार करने के प्रकरण में बंदी बनाया गया !

हिन्दू साधु संतों पर ऐसे केवल आरोप लगाए जाने पर भी सभी आधुनिकतावादी, कांग्रेसी, साम्यवादी उनके विरुद्ध विषैली आलोचना करते हैं एवं सभी संतों तथा हिन्दू धर्म पर कलंक लगाते हैं । परंतु, अब पूरा समूह बिल में छिप गया है ; यह ध्यान रखें !

अबुझमाड (छत्तीसगढ) में आदिवासियों द्वारा धर्म परिवर्तन के विरुद्ध आंदोलन !

प्रशासन द्वारा धर्मांतरण की घटनाओं पर अंकुश न लगाने पर, कठोर आंदोलन करने की चेतावनी !

ईसा मसीह के नाम से एक शिक्षा केंद्र स्थापित कर, वहां ईसाई धर्म एवं बाइबल की शिक्षा दी जाएगी !

यह स्पष्ट है कि, पंजाब में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, इसे देखते हुए कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने ईसाइयों के पूर्ण रूप से  मत पाने के लिए इन सुविधाओं की वर्षा की जा रही है ! क्या कांग्रेस ने कभी बहुसंख्यक हिन्दुओं को ऐसी सुविधाएं प्रदान की हैं ?

देहली की ‘चंगाई सभाओं’ द्वारा हिन्दुओं का धर्मांतरण किए जाने के विरोध में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा प्रदर्शन !

आंदोलन में विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू जनजागृति समिति इत्यादि हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता, साथ ही स्थानीय हिन्दू विशाल संख्या में सहभागी हुए थे । इनमें महिलाएं भी सम्मिलित थीं ।

कोलार (कर्नाटक) में पुलिस की चेतावनी के बाद भी ईसाइयोंद्वारा घर घर जाकर धार्मिक पुस्तकें बांटने का प्रयास करने पर पुस्तकों को जलाया गया !

पुलिसद्वारा चेतावनी देने के बाद भी ईसाई वहां जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोका क्यों नहीं ? पुलिस की चेतावनी को न मानते हुए कृति करने से तनाव निर्माण करने के मामले में पुलिस को ऐसों पर कार्रवाई करनी चाहिए !

आसाम में धर्मांतरित ईसाईयों द्वारा हिन्दुओं के प्राचीन धार्मिक स्थलों पर से उखाडे गए शिवलिंग और त्रिशूल हिन्दुओं ने पुन: स्थापित किए !

आसाम के कछार जिले के कटीगोरा में महादेव टिला के शिवलिंग और त्रिशूल ईसाइयों ने उखाडे थे । साथ ही उन्होंने वहां के बरगद के विशाल पेड भी काट दिए थे । अब हिन्दू रक्षा दल, हिन्दू छात्र संघ आदि हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने यहां पुन: शिवलिंग स्थापित कर पूजा-अर्चना  प्रारंभ की है ।

खरगोन (मध्य प्रदेश) में ईसाई पंथ स्वीकार किए हुए २२ लोगों ने पुनः अपनाया हिन्दू धर्म !

जहां देश में प्रतिदिन सहस्रों हिन्दुओं का धर्मांतरण हो रहा है, ऐसे में संपूर्ण देश में धर्मांतरण विरोधी कानून न बनाना, अपरोक्ष रूप से धर्मांतरण को बल देने जैसा नहीं है ? हिन्दुओं को भी संगठित होकर इस कानून को शीघ्रातिशीघ्र लागू करने की मांग करनी चाहिए !

‘धर्मांतरणविरोधी कानून के कारण कर्नाटक में अराजक की स्थिति उत्पन्न होगी ! – आर्चबिशप रेवरंड पीटर मचाडो

धर्मांतरणविरोधी कानून बनाने से ईसाईयों का छिपा उद्देश्य ही असफल होनेवाला है; इसलिए अब वे तिलमिला गए हैं, यही इससे स्पष्ट होता है !

पंजाब में हिन्दू और सिक्खों के विरोध के कारण राज्य के मुख्यमंत्रक्ष ने ईसाई मिशनरियों की ‘चंगाई सभा’ में जाना टाल दिया !

चंगाई सभा के मुख्य आयोजक पादरी पर हत्या और बलात्कार का आरोप

धर्मांतरण के पश्चात भी व्यक्ति की जाति वही रहती है ! – मद्रास उच्च न्यायालय

परंतु, धर्मांतरण के पश्चात, जाति के अनुसार आरक्षण देना न्यायालय ने अस्वीकार किया !