मद्यालय-बार को देवताओं के नाम न देने का प्रशासन का निर्णय केवल कागज पर !
वर्तमान स्थिति में राज्य में ‘लक्ष्मी बियर बार’, ‘साईं बियर बार’ इस नाम से मद्यालय चल रहे हैं ।
वर्तमान स्थिति में राज्य में ‘लक्ष्मी बियर बार’, ‘साईं बियर बार’ इस नाम से मद्यालय चल रहे हैं ।
जनता से प्रतिबद्ध प्रशासन द्वारा जनता से ही जानकारी छुपाना, यह जनताद्रोह ही है !
भारत को यह क्यों कहना पडता है ? क्या अंतर्राष्ट्रीय वित्तकोष की समझ में नहीं आता ?
हलाल प्रमाणपत्र देनेवाले प्रमुख संगठनों में ‘हलाल काऊंसिल ऑफ इंडिया’ एक संस्था है । अब उत्तर प्रदेश पुलिस को, राज्य में ‘हलाल इंडियन’, ‘हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेस इंडिया’, ‘जमियत उलेमा-ए-हिन्द हलाल ट्रस्ट’ ये एवं अन्य बडी संस्थाएं भी यदि कार्यरत हों, तो उन पर कार्यवाही करनी चाहिए, हिन्दुओं की ऐसी ही अपेक्षा है !
राजनीतिक दल चुनावी घोषणापत्रों में ‘लोकप्रिय’ वादों की घोषणा करते हैं; लेकिन ये आश्वासन कैसे पूरे होंगे ?, इसके लिए कितनी नीधि लगेगी ? यह कोई नहीं बताता है ।
राजनीतिक दलों को अमर्याद धन प्राप्त हो, इसलिए कानून में परिवर्तन करना अनुचित ! – सर्वोच्च न्यायालय
शीघ्र ही पाकिस्तान की भी ऐसी ही स्थिति होने के कारण पाकिस्तान के भी टुकडे होंगे !
पिछले दो दशकों में चीन की अर्थव्यवस्था रॉकेट की गति से बढी । भले ही ऐसा हो; परंतु अब स्थिति में परिवर्तन आया है । चीनी अर्थव्यवस्था अब संघर्ष कर रही है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था को अच्छे दिन आए हैं ।
फ्रांस में भारतीय दूतावास ने २ फरवरी, २०२४ के दिन पेरिस के आयफेल टावर में ‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस’ (यूपीआई)का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया ।
भारत द्वारा मालदीव को दी जानेवाली आर्थिक सहायता में २२% कटौती की गई है ।